गंभीर को धमकी – कब, कैसे और किसने दी?
भारतीय क्रिकेट टीम के मौजूदा मुख्य कोच और पूर्व BJP सांसद गौतम गंभीर एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार वजह क्रिकेट नहीं, बल्कि उनकी जान को मिली धमकी है। मंगलवार रात उन्हें एक ईमेल प्राप्त हुआ, जिसमें लिखा था – "I Kill You..." और भेजने वाले का नाम था – ISIS कश्मीर।
यह ईमेल सिर्फ धमकी नहीं, बल्कि एक बड़ा संदेश था – उन सभी के लिए जो आतंकवाद के खिलाफ खुलकर बोलते हैं। गौतम गंभीर ने हमेशा से ही कट्टरपंथ और आतंकवाद के खिलाफ सख्त राय रखी है, और यही उनकी परेशानी की वजह बन गया।गौतम गंभीर की प्रतिक्रिया – डरे नहीं, डटे रहे
गौतम गंभीर ने डरकर चुप रहने की बजाय सीधा रुख अपनाया। उन्होंने दिल्ली पुलिस में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा
> "मैं उन शहीदों के परिवारों के लिए प्रार्थना करता हूं जिन्होंने पहलगाम हमले में अपनों को खोया। भारत इस हमले का जवाब जरूर देगा।"
गंभीर के इस बयान से साफ है कि वे आतंक के आगे झुकने वाले नहीं हैं।
पहलगाम हमला – 22 अप्रैल को कश्मीर में फिर खून बहा
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में एक दिल दहला देने वाला आतंकी हमला हुआ। इस हमले में 25 भारतीय नागरिकों और 1 नेपाली मजदूर की जान चली गई। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन The Resistance Front (TRF) ने ली है।
पाकिस्तान ने हमेशा की तरह पल्ला झाड़ते हुए कहा कि इस हमले में उसकी कोई भूमिका नहीं है, लेकिन भारत का दावा है कि TRF, लश्कर का ही प्रॉक्सी है और ISI इसके पीछे सक्रिय है।
भारत की प्रतिक्रिया – आतंक का जवाब आतंक से देंगे!
हमले के कुछ ही घंटों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर मंत्रिमंडल समिति (CCS) की आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, NSA अजीत डोभाल और सेना प्रमुख मौजूद थे।
सूत्रों के अनुसार भारत ने सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं। सैन्य और कूटनीतिक दोनों मोर्चों पर रणनीति तैयार की जा रही है।
पाकिस्तान की बैठक – डैमेज कंट्रोल या नई साजिश?
भारत की तीखी प्रतिक्रिया के बाद पाकिस्तान ने भी राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की बैठक बुलाई, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने की। यह बैठक 24 अप्रैल को हुई।
पाकिस्तान के डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार ने X पर जानकारी साझा की कि इस बैठक का उद्देश्य भारत के आरोपों पर प्रतिक्रिया देना और आंतरिक सुरक्षा की समीक्षा करना है।
क्या ISIS कश्मीर सिर्फ नाम है या असली खतरा?
ISIS कश्मीर नाम का इस्तेमाल हाल के वर्षों में कई धमकियों में हुआ है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह ग्रुप अधिकतर मामलों में फर्जी पहचान के तहत काम कर रहा है और इसका उद्देश्य सिर्फ डर फैलाना होता है।
हालांकि इस धमकी को हल्के में नहीं लिया जा रहा। NIA और IB इसे गंभीरता से जांच कर रही हैं।
गौतम गंभीर – एक क्रिकेटर, एक नेता, एक देशभक्त
गंभीर हमेशा मैदान में सच्चाई और साहस के लिए पहचाने गए हैं – चाहे 2007 का T20 वर्ल्ड कप हो या 2011 का वर्ल्ड कप फाइनल।
राजनीति में भी वे विवादित मुद्दों पर खुलकर बोले हैं – चाहे वह धारा 370 हो या शाहीन बाग प्रदर्शन।
उन्होंने कभी भी आतंक के खिलाफ अपनी आवाज को दबने नहीं दिया, और अब जब उन्हें धमकी मिली है, तब भी वे पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर
गौतम गंभीर को मिली धमकी के बाद दिल्ली पुलिस ने Z+ सुरक्षा की समीक्षा की है। उनके घर और आस-पास अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं।
इसके अलावा साइबर सेल उस ईमेल के सोर्स की जांच कर रही है, ताकि पता चल सके कि इसे कहां से भेजा गया था।
देश की जनता गंभीर के साथ – सोशल मीडिया पर ट्रेंड बना
#StandWithGambhir और #IndiaAgainstTerror जैसे हैशटैग्स ट्रेंड कर रहे हैं। लोगों ने सोशल मीडिया पर गंभीर को समर्थन दिया और कहा कि देश ऐसे नायकों के साथ है जो बिना डरे सच बोलते हैं।
ये सिर्फ धमकी नहीं, एक चेतावनी है
गौतम गंभीर को मिली धमकी केवल एक व्यक्ति को डराने की कोशिश नहीं है, ये भारतीय सोच, स्वतंत्र अभिव्यक्ति और देशभक्ति पर हमला है।
लेकिन भारत अब पहले जैसा नहीं है। अब हम झुकते नहीं, जवाब देते हैं। और जवाब भी ऐसा कि दुश्मन फिर सोचने को मजबूर हो जाए।
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