प्रयागराज की बेटी शक्ति दुबे बनी UPSC 2024 की टॉपर – जानिए उनके संघर्ष और सफलता की पूरी कहानी

कौन हैं शक्ति दुबे? प्रयागराज की वो बेटी जिसने UPSC 2024 में हासिल किया इतिहास

भारत के सबसे कठिन माने जाने वाले प्रतियोगी परीक्षा – UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2024 – में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल करने वाली शक्ति दुबे ने पूरे देश को गौरवान्वित कर दिया है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की रहने वाली शक्ति ने न केवल सफलता प्राप्त की, बल्कि एक ऐसा उदाहरण भी प्रस्तुत किया जो छोटे शहरों के युवाओं को बड़ा सपना देखने और उसे पूरा करने की प्रेरणा देता है।

प्रयागराज – वो शहर जिसने गढ़ी शक्ति की बुनियाद

प्रयागराज, जिसे कभी इलाहाबाद कहा जाता था, भारत के शैक्षणिक और सांस्कृतिक केंद्रों में से एक माना जाता है। यही शहर तीन नदियों – गंगा, यमुना और सरस्वती – के संगम के लिए प्रसिद्ध है और इसी संगम की तरह शक्ति दुबे की शिक्षा, सोच और संस्कारों का संगम भी हुआ।

बचपन से ही शक्ति को किताबों, अध्ययन और ज्ञान में रुचि थी। उनके स्कूल का नाम तो सामने नहीं आया है, लेकिन प्रयागराज के जिस शैक्षणिक माहौल में उन्होंने शिक्षा पाई, वही उनके अनुशासन और जिज्ञासा की नींव बना। इसे भी जरूर पढ़ें:-"शुभमन गिल-सारा तेंदुलकर की लव स्टोरी का 'द एंड' या कोई नई शुरुआत? बीच में आई 'मिस्ट्री गर्ल' अवनीत कौर या बस एक अफवाह!"

बायोकैमिस्ट्री से सिविल सेवा तक – शिक्षा का अद्भुत सफर

शक्ति दुबे का शैक्षणिक सफर सामान्य नहीं, बल्कि काफी अद्वितीय और प्रेरक है। उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से बायोकैमिस्ट्री में स्नातक की पढ़ाई की, जहाँ उन्हें वैज्ञानिक सोच और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण की मजबूत नींव मिली।

इसके बाद उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से बायोकैमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। BHU ने उन्हें सिर्फ एक अकादमिक मंच ही नहीं दिया, बल्कि एक नया नजरिया भी दिया – समाज, प्रशासन और देश सेवा को समझने का।

इसी दौर में शक्ति का रुझान सिविल सेवा की ओर बढ़ा और उन्होंने तय कर लिया कि वो अपने ज्ञान का उपयोग देश और समाज के लिए करेंगी।

शिक्षक से अफसर बनने की ओर – आत्ममंथन और आत्मविश्वास की कहानी

पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद शक्ति ने कुछ समय तक शिक्षण क्षेत्र में भी काम किया। हालांकि उनके इस फेज की ज्यादा जानकारी सार्वजनिक नहीं है, लेकिन यह स्पष्ट है कि शिक्षा देने का अनुभव उनके व्यक्तित्व को और भी निखार गया।

इस दौरान उन्होंने नेतृत्व, संचार कला और समस्या समाधान जैसे गुणों को और धार दी – जो एक IAS अधिकारी के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं।

7 साल की संघर्षगाथा – लक्ष्य तक पहुँचने का लंबा और धैर्यपूर्ण सफर

2018 में उन्होंने UPSC CSE की तैयारी की शुरुआत की। उनका ऑप्शनल सब्जेक्ट था Political Science and International Relations (PSIR), जो कि सामाजिक और प्रशासनिक समझ की मांग करता है।

सात साल तक लगातार तैयारी करना, असफलताओं से जूझना, खुद को संभालना और फिर से उठकर नए जोश से तैयारी करना – यह हर किसी के बस की बात नहीं होती। लेकिन शक्ति दुबे ने इस सफर को पूरी दृढ़ता और धैर्य से पार किया।

2024 की UPSC परीक्षा में उन्होंने Preliminary, Mains और Interview – तीनों चरणों में अपने आप को साबित किया। खासकर Personality Test में उनका आत्मविश्वास, परिपक्वता और विजन देखकर इंटरव्यू बोर्ड प्रभावित हुए। इसे भी जरूर पढ़ें:- तेरे कोच को भीतेरे जानता हूं!" विराट कोहली और हरप्रीत बरार के बीच IPL 2025 में गरमा-गरमी, श्रेयस अय्यर भी आए निशाने पर

UPSC 2024 का टॉपर बनने की घड़ी – मेहनत ने लिख दी नई इबारत

22 अप्रैल 2025 को UPSC ने 2024 के नतीजे जारी किए, जिसमें 1009 कैंडिडेट्स को चयनित किया गया। लेकिन इन सबके बीच सबसे ऊपर नाम था शक्ति दुबे का – AIR 1 के रूप में।

उनका यह मुकाम इस बात का प्रमाण है कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो, दिशा सही हो और मेहनत ईमानदार हो – तो कोई भी कठिनाई आपको रोक नहीं सकती।

शक्ति की सफलता में छुपा है हर छोटे शहर के युवा का सपना

शक्ति दुबे की सफलता सिर्फ उनकी नहीं है, बल्कि हर उस युवा की है जो छोटे कस्बों, गाँवों या साधारण परिवारों से आता है और देश की सर्वोच्च सेवाओं में योगदान देने का सपना देखता है।

उनकी कहानी यह बताती है कि संसाधनों की कमी कोई बाधा नहीं होती, जब तक आत्मबल मजबूत हो। प्रयागराज जैसे शहर से निकलकर, विज्ञान की पढ़ाई करके, समाज विज्ञान को समझते हुए और एक शिक्षक से एक टॉपर बनने का सफर – यह सब कुछ बताता है कि शक्ति दुबे एक साधारण लड़की नहीं, बल्कि असाधारण प्रेरणा हैं।

आने वाले युवाओं के लिए संदेश – हर हार में एक नई शुरुआत छुपी होती है

शक्ति ने अपने एक इंटरव्यू में कहा कि,

> “सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता, लेकिन अगर आप लगातार सीखते हैं, हार को स्वीकार करते हैं और खुद पर विश्वास बनाए रखते हैं, तो एक दिन सफलता आपके कदम चूमेगी।”

उनका यह कथन लाखों युवाओं को यह संदेश देता है कि UPSC जैसी कठिन परीक्षाएं सिर्फ ज्ञान नहीं, बल्कि दृढ़ निश्चय, धैर्य और उद्देश्य के प्रति समर्पण मांगती हैं।

शक्ति दुबे – सिर्फ UPSC टॉपर नहीं, एक विचार की क्रांति

शक्ति दुबे की यात्रा एक अकेली लड़की की कहानी नहीं, बल्कि यह एक आत्मबल, शिक्षा और संकल्प की कहानी है। वो अब सिर्फ IAS अधिकारी नहीं होंगी, बल्कि उन लाखों युवाओं की प्रेरणा भी होंगी जो अपने सपनों को जिंदा रखे हुए हैं।

उनकी सफलता यह सिद्ध करती है कि UPSC सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक कला भी है – और शक्ति इस कला की महारथी बन चुकी हैं।

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