भारत ने ऐसा क्या किया, जो चार दिन में ही माफी मांगने लगे शहबाज शरीफ? जानें पाकिस्तान के घुटनों पर आने की इनसाइड स्टोरी

भारत-पाकिस्तान सीमा पर फिर जलजला! 

भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से तनावपूर्ण संबंध रहे हैं। लेकिन हाल ही में कुछ ऐसा हुआ, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया। पाकिस्तान की ओर से एक बार फिर संघर्षविराम (Ceasefire) का उल्लंघन किया गया। जवाब में भारत ने ऐसी कूटनीतिक और सैन्य चाल चली कि पाकिस्तान की हिम्मत जवाब दे गई। 
भारत ने ऐसा क्या किया, जो चार दिन में ही माफी मांगने लगे शहबाज शरीफ? जानें पाकिस्तान के घुटनों पर आने की इनसाइड स्टोरी

मात्र चार दिन के भीतर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और रक्षामंत्री को अमेरिका तक कॉल कर सीजफायर की भीख मांगनी पड़ी। आखिर भारत ने ऐसा क्या किया कि पाकिस्तान घुटनों पर आ गया? आइए इस इनसाइड स्टोरी को विस्तार से समझते हैं।

पाकिस्तान ने क्यों तोड़ा सीजफायर?

2021 में भारत और पाकिस्तान के बीच लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर संघर्षविराम समझौता हुआ था। लेकिन मई 2025 की शुरुआत में पाकिस्तान की सेना ने पुंछ और राजौरी सेक्टर में अचानक गोलाबारी शुरू कर दी। पाकिस्तानी रेंजरों ने छोटे हथियारों के साथ-साथ मोर्टार से भी हमला बोला। इसका मकसद भारतीय सेना की अग्रिम चौकियों को नुकसान पहुंचाना और सीमा पर आतंकियों की घुसपैठ कराना था।

पाकिस्तान का यह कदम भारत के लिए अप्रत्याशित नहीं था। भारत पहले से सतर्क था और इस बार उसने अलग रणनीति अपनाई थी।

भारत का जवाब: Surgical Strike से भी आगे की सोच

पाकिस्तान की गोलाबारी के जवाब में भारतीय सेना ने "ऑपरेशन विनाश" नामक गुप्त मिशन शुरू किया। यह मिशन 3 स्तरों पर काम करता था:

1. सीमा पार आर्टिलरी रेस्पॉन्स: भारत ने LoC के पार जाकर पाकिस्तानी बंकर, आर्मी पोस्ट और लॉजिस्टिक डिपो पर सटीक हमले किए।

2. इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर: भारतीय सेना की साइबर यूनिट ने पाकिस्तान की कम्युनिकेशन लाइनों को जाम कर दिया, जिससे उनकी सेना का तालमेल पूरी तरह बिगड़ गया।

3. कूटनीतिक आक्रमण: भारत ने अमेरिका, रूस और संयुक्त राष्ट्र को पाकिस्तान की हरकतों के सबूत सौंपे और उन्हें वैश्विक मंच पर बेनकाब कर दिया।

इस पूरे ऑपरेशन में भारत ने न केवल सैन्य ताकत दिखाई, बल्कि कूटनीतिक मोर्चे पर भी पाकिस्तान को पूरी तरह अलग-थलग कर दिया।

पाकिस्तान की हालत: चार दिन में ही घुटने टेक दिए

भारतीय सेना के जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान के हालात बेकाबू हो गए। पाकिस्तान की 10 से ज्यादा चौकियां ध्वस्त हो गईं। करीब 15 से ज्यादा सैनिक मारे गए और 50 से अधिक घायल हो गए। पाकिस्तानी मीडिया में खबरें आने लगीं कि भारत के हमले से सेना का मनोबल टूट रहा है।

सबसे बड़ी बात ये हुई कि पाकिस्तान के रक्षामंत्री ने सीधे अमेरिका के डिफेंस सेक्रेटरी को कॉल किया और भारत से सीजफायर करवाने की गुहार लगाई। चार दिन के भीतर पाकिस्तान ने न केवल संघर्षविराम की अपील की बल्कि अपने सैनिकों को पीछे हटने का आदेश भी दिया।

शहबाज शरीफ क्यों घबराए? इनसाइड स्टोरी

शहबाज शरीफ की सरकार इस समय आर्थिक संकट, राजनीतिक अस्थिरता और आंतरिक विद्रोह से जूझ रही है। अगर युद्ध की स्थिति लंबी चलती, तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाती।

1. आर्थिक संकट: पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 3 अरब डॉलर से भी कम है। IMF की सख्त शर्तों के कारण पाकिस्तान कर्ज में डूबा है।

2. राजनीतिक अस्थिरता: इमरान खान के समर्थकों और बलूचिस्तान में विद्रोह जारी है। सेना भी आंतरिक बंटवारे का शिकार है।

3. अंतरराष्ट्रीय दबाव: अमेरिका, रूस और सऊदी अरब — तीनों ने पाकिस्तान को स्पष्ट कर दिया था कि अगर युद्ध बढ़ा, तो वे भारत का समर्थन करेंगे।

इन्हीं वजहों से शहबाज शरीफ को झुकना पड़ा और भारत के आगे माफी मांगनी पड़ी।

भारत की कूटनीति क्यों कारगर रही?

भारत की रणनीति इस बार बेहद संतुलित और प्रभावशाली रही।

अंतरराष्ट्रीय मंच पर सक्रियता: भारत ने पाकिस्तान की हर हरकत का सबूत वैश्विक मंच पर रखा।

आर्थिक प्रतिबंधों की धमकी: भारत ने पाकिस्तान से व्यापार पूरी तरह बंद करने की चेतावनी दी, जिससे पाक की अर्थव्यवस्था पर बड़ा झटका लगता।

साइबर वॉरफेयर: भारत ने पाकिस्तान की सैन्य कम्युनिकेशन और फाइनेंशियल नेटवर्क पर अटैक की तैयारी भी कर ली थी।

आंतरिक विद्रोह का समर्थन नहीं करने की शर्त: भारत ने साफ कर दिया कि वह बलूच विद्रोहियों या पीओके में किसी गुट को हथियार नहीं देगा, बशर्ते पाकिस्तान शांति बनाए रखे।

क्या अब पाकिस्तान सुधर जाएगा?

विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की मौजूदा कमजोरी अस्थायी नहीं है। अगर भारत ने यही सख्त रुख बनाए रखा और कूटनीतिक दबाव जारी रखा, तो पाकिस्तान भविष्य में संघर्षविराम तोड़ने की हिम्मत नहीं करेगा। हालांकि, पाकिस्तान की सेना और ISI में मौजूद कट्टरपंथी धड़ा अभी भी भारत-विरोधी हरकतें करने की कोशिश करेगा। भारत को लगातार सतर्क रहने की जरूरत है।

भारत की ताकत और संयम की जीत

यह पूरी घटना भारत की सैन्य क्षमता, कूटनीतिक कौशल और रणनीतिक धैर्य की मिसाल है। भारत ने बिना बड़े युद्ध के पाकिस्तान को उसी की जमीन पर घुटनों पर ला दिया। शहबाज शरीफ का अमेरिका में कॉल कर माफी मांगना इस बात का प्रमाण है कि आज भारत कोई भी खतरा सहन नहीं करेगा और जरूरत पड़ने पर निर्णायक कार्रवाई करने में सक्षम है।

अंतिम शब्द:
पाकिस्तान के इस सरेंडर से भारत को अपनी नीति स्पष्ट रखनी चाहिए — शांति चाहो तो ताकतवर बनो। आने वाले समय में भारत की यही नीति हमें अंतरराष्ट्रीय मंच पर और मजबूत बनाएगी।

टिप्पणियाँ