कौन हैं लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी, जिन्होंने दी पाकिस्तान पर स्ट्राइक की पूरी जानकारी? जानिए इस जांबाज ऑफिसर की पूरी कहानी
लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी: भारतीय सेना के जाबांजों की कहानियां अक्सर सुर्खियों में रहती हैं, लेकिन जब बात एक महिला अधिकारी की वीरता की हो, तो यह किस्सा और भी प्रेरक बन जाता है।
ऐसी ही एक नामचीन अधिकारी हैं लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी, जिन्होंने पाकिस्तान पर हुई स्ट्राइक के बारे में बेहद अहम जानकारी दी थी और भारतीय सेना के एक बड़े मिशन में निर्णायक भूमिका निभाई थी। इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर कौन हैं लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी, उनके करियर की यात्रा कैसी रही है और कैसे उन्होंने देश की सुरक्षा में अमिट योगदान दिया है।
लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
सोफिया कुरैशी का जन्म भारत के गुजरात राज्य के अहमदाबाद शहर में एक पढ़े-लिखे और प्रगतिशील परिवार में हुआ। उनके पिता सरकारी सेवा में थे और माता शिक्षिका थीं। बचपन से ही सोफिया में अनुशासन, आत्मविश्वास और देशभक्ति के बीज बोए गए थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अहमदाबाद के माउंट कार्मेल स्कूल से पूरी की। विज्ञान में रुचि रखने वाली सोफिया ने आगे चलकर गुजरात विश्वविद्यालय से फिजिक्स में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसी दौरान उन्हें सेना में करियर बनाने का सपना जागा।
भारतीय सेना में चयन और प्रशिक्षण
सोफिया कुरैशी ने 1999 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (OTA), चेन्नई में दाखिला लिया। कठिन प्रशिक्षण और मजबूत इच्छाशक्ति के दम पर वे 2000 में भारतीय सेना की सिग्नल कोर (Corps of Signals) में कमीशन प्राप्त करने वाली चुनिंदा महिला अधिकारियों में शामिल हुईं। प्रारंभिक वर्षों में उन्होंने तकनीकी संचार, युद्धकालीन नेटवर्किंग और सामरिक संचार प्रबंधन में विशेषज्ञता हासिल की।
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सैन्य करियर की शुरुआत से ही असाधारण प्रदर्शन
लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी का करियर शुरुआती दौर से ही अलग रहा। वर्ष 2003 में उन्हें जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में तैनात किया गया। उस समय वहां पर चरमपंथी गतिविधियां चरम पर थीं। सोफिया ने अपने अद्वितीय तकनीकी कौशल के जरिए सेना की खुफिया संचार प्रणाली को सुदृढ़ किया, जिससे आतंकवाद विरोधी अभियानों में सेना को बढ़त मिली।
2016 सर्जिकल स्ट्राइक में अहम भूमिका
भारतीय सेना के इतिहास में 28-29 सितम्बर 2016 की रात को हुई सर्जिकल स्ट्राइक को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उरी हमले के बाद भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा पार कर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी लॉन्च पैड्स को नष्ट किया था। इस ऑपरेशन के लिए जो खुफिया जानकारी, संचार समन्वय और जमीनी सटीकता की जरूरत थी, उसमें लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी ने मुख्य भूमिका निभाई। उन्होंने टेक्निकल इंटेलिजेंस, ग्राउंड रिपोर्टिंग और ऑपरेशनल कम्युनिकेशन की अगुवाई की थी।
उनकी टीम ने पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके की गतिविधियों का बारीकी से अध्ययन किया। ड्रोन फीड, सैटेलाइट इमेज और वायरलेस कम्युनिकेशन की मॉनिटरिंग के जरिए आतंकियों के ठिकानों की सही जानकारी जुटाई गई थी। यही जानकारी आगे चलकर ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेना के कमांडोज के लिए लाइफलाइन साबित हुई।
पहली भारतीय महिला सैन्य अधिकारी, जिन्होंने विदेशी सेना का नेतृत्व किया
लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी का नाम 2016 में फिर चर्चा में आया जब वे भारत की ओर से पहली महिला सैन्य अधिकारी बनीं, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास Exercise Force 18 (थाईलैंड और इंडो-पैसिफिक देशों के साथ) में भारतीय टुकड़ी का नेतृत्व करने का अवसर मिला। इस अभ्यास में 18 देशों की सेनाओं ने हिस्सा लिया था। सोफिया ने न केवल भारतीय दल का नेतृत्व किया बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की सैन्य क्षमताओं और महिला सशक्तिकरण का भी डंका बजाया।
पुरस्कार और सम्मान
लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी की वीरता और रणनीतिक कौशल के लिए भारतीय सेना और भारत सरकार ने उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा है। इनमें मुख्यतः—
- सेना मेडल (2017) — सर्जिकल स्ट्राइक में उत्कृष्ट योगदान के लिए
- विशिष्ट सेवा मेडल (2019)
- चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन कार्ड (2020)
सोफिया कुरैशी और महिला सशक्तिकरण का संदेश
सोफिया कुरैशी केवल एक सैन्य अधिकारी नहीं बल्कि करोड़ों भारतीय महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने यह साबित किया कि महिलाएं न केवल घर और समाज बल्कि युद्ध के मैदान में भी किसी से कम नहीं हैं। वे समय-समय पर युवा लड़कियों और महिला अफसरों को प्रेरित करने के लिए मोटिवेशनल सेशंस में भी भाग लेती हैं। उनका मानना है—
"देशसेवा का जज़्बा पुरुष या महिला नहीं देखता, यह सिर्फ दिल देखता है।"
वर्तमान में क्या कर रही हैं लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी?
फिलहाल लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की सिग्नल इंटेलिजेंस यूनिट में वरिष्ठ पद पर कार्यरत हैं। साथ ही वे यूनाइटेड नेशंस (UN) पीसकीपिंग मिशन्स में भी तकनीकी सलाहकार के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। उन्होंने 2023 में रक्षा मंत्रालय की नई ‘Women in Combat’ पॉलिसी ड्राफ्ट कमेटी में सलाहकार सदस्य के रूप में भी योगदान दिया।
लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी की कहानी भारत की उन बेटियों की मिसाल है, जिन्होंने सीमाओं को तोड़कर देश की सेवा में अद्वितीय योगदान दिया। उन्होंने तकनीक, रणनीति और नेतृत्व के क्षेत्र में जो ऊंचाइयां छुई हैं, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी। पाकिस्तान पर स्ट्राइक की अहम जानकारी देने से लेकर अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में
भारत का नेतृत्व करने तक, उनका हर कदम एक मिसाल है। देश को उन पर गर्व है।
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