वाह रे पाकिस्तान, आतंकी के बेटे को बना रखा है अपनी आर्मी का DG-ISPR, कौन है अहमद शरीफ चौधरी?

अहमद शरीफ चौधरी:- पाकिस्तान की सेना के मीडिया विंग, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR), के वर्तमान महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी की नियुक्ति ने कई सवाल खड़े किए हैं। 
उनके पिता, सुल्तान बशीरुद्दीन महमूद, एक परमाणु वैज्ञानिक थे, जिन पर तालिबान और अल-कायदा से संबंध रखने के आरोप लगे थे। इस पृष्ठभूमि के कारण, अहमद शरीफ चौधरी की नियुक्ति पर विवाद उत्पन्न हुआ है। 

पारिवारिक पृष्ठभूमि और प्रारंभिक जीवन

अहमद शरीफ चौधरी का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के थल रेगिस्तान में हुआ था। उनके पिता, सुल्तान बशीरुद्दीन महमूद, पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े एक प्रमुख वैज्ञानिक थे। 2001 में, उन्हें तालिबान और अल-कायदा से संबंध रखने के संदेह में गिरफ्तार किया गया था, जब यह माना गया कि उन्होंने इन संगठनों को परमाणु हथियार बनाने में सहायता प्रदान की थी।  
अहमद शरीफ ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा थल क्षेत्र में प्राप्त की और बाद में पाकिस्तान मिलिटरी अकादमी, कमांड एंड स्टाफ कॉलेज क्वेटा, जर्मन स्टाफ कॉलेज, और इस्लामाबाद के नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी से सैन्य शिक्षा प्राप्त की।  

सैन्य करियर और ISPR में नियुक्ति

अहमद शरीफ चौधरी ने पाकिस्तान सेना के इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियर्स (EME) कोर में सेवा की है। वह पहले डिफेंस साइंस एंड टेक्नोलॉजी ऑर्गनाइजेशन (DESTO) के महानिदेशक के रूप में कार्यरत थे। 6 दिसंबर 2022 को, उन्हें ISPR के 22वें महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया गया, और वह इस पद पर नियुक्त होने वाले EME कोर के पहले अधिकारी हैं।  

आतंकवाद के खिलाफ अभियान

लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की लड़ाई में सक्रिय भूमिका निभाई है। 2024 में, पाकिस्तान की सुरक्षा बलों ने 59,775 ऑपरेशनों के दौरान 925 आतंकवादियों को मार गिराया, जिनमें 73 उच्च-प्रोफ़ाइल लक्ष्य शामिल थे। उन्होंने यह भी बताया कि इन ऑपरेशनों में 383 अधिकारी और सैनिक शहीद हुए। 

उन्होंने यह भी बताया कि आतंकवादी अफगानिस्तान की धरती से पाकिस्तान में हमले कर रहे हैं, और पाकिस्तान ने अफगान सरकार से इन गतिविधियों को रोकने की मांग की है।  

डिजिटल आतंकवाद और मीडिया पर नियंत्रण

अहमद शरीफ चौधरी ने "डिजिटल आतंकवाद" के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे झूठे समाचार और प्रचार देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं, और कानून को इन गतिविधियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए।  

राजनीतिक मामलों में सेना की भूमिका

अहमद शरीफ चौधरी ने स्पष्ट किया है कि सेना का राजनीति में कोई हस्तक्षेप नहीं है, और वह सभी राजनीतिक दलों का सम्मान करती है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी राजनीतिक नेता या पार्टी देश के हितों से ऊपर नहीं हो सकती।

लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी की नियुक्ति और उनके पिता की विवादास्पद पृष्ठभूमि ने पाकिस्तान में सेना और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के संबंध में कई सवाल उठाए हैं। हालांकि, उन्होंने अपने कार्यकाल में आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं और देश की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। उनकी भूमिका और बयान यह संकेत देते हैं कि वह पाकिस्तान की सुरक्षा और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि के कारण उन पर संदेह की दृष्टि से भी देखा जाता है। 


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