IIT बाबा के पास गांजा मिला फिर भी छोड़ दिए गए, कानूनी वजहें जान लें

 'IIT बाबा' के नाम से मशहूर अभय सिंह हाल ही में एक कानूनी मामले में फंसे, जब जयपुर पुलिस ने उनके पास से गांजा बरामद किया। हालांकि, कम मात्रा में गांजा पाए जाने के कारण उन्हें तुरंत जमानत पर रिहा कर दिया गया। इस घटना ने नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस (NDPS) एक्ट, 1985 के तहत गांजा रखने और उससे संबंधित कानूनी प्रावधानों पर चर्चा को जन्म दिया है। आइए इस मामले और संबंधित कानूनी पहलुओं को विस्तार से समझते हैं।

'अभय सिंह, जिन्हें 'IIT बाबा' के नाम से जाना जाता है, ने मुंबई के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में स्नातक किया है। अपनी उच्च शिक्षा और विदेश में नौकरी के बाद, उन्होंने आध्यात्मिक मार्ग अपनाया और महाकुंभ मेले के दौरान सुर्खियों में आए। हालांकि, उनके विवादास्पद बयानों और गतिविधियों के कारण वे अक्सर चर्चा में रहे हैं। 

3 मार्च 2025 को, जयपुर पुलिस को सूचना मिली कि अभय सिंह ने सोशल मीडिया पर आत्महत्या की धमकी दी है। इस सूचना के आधार पर, शिप्रा पथ थाना पुलिस रिद्धि सिद्धि पार्क क्लासिक होटल पहुंची, जहां अभय सिंह ठहरे हुए थे। पुलिस ने उनसे पूछताछ की, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि वे गांजे के नशे में थे और उनके पास गांजा मौजूद है। पुलिस ने उनके पास से 1.5 ग्राम गांजा बरामद किया और NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। कम मात्रा में गांजा होने के कारण, उन्हें चेतावनी देकर जमानत पर रिहा कर दिया गया। 

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NDPS एक्ट और गांजा रखने के कानूनी प्रावधान

भारत में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस (NDPS) एक्ट, 1985 नशीले पदार्थों के नियंत्रण और रोकथाम के लिए बनाया गया है। यह कानून ड्रग्स के उत्पादन, बिक्री, खरीद, परिवहन, आयात-निर्यात और उपयोग को नियंत्रित करता है। NDPS एक्ट की धारा 20 में गांजे से जुड़े अपराधों की सजा तय की गई है, जो गांजे की मात्रा के आधार पर अलग-अलग होती है।

गांजे की मात्रा और सजा

1. छोटी मात्रा (1 किलो तक): 1 साल तक की जेल या   10,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों।

2. 1 किलो से 20 किलो तक: 10 साल तक की जेल और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना।

3. 20 किलो या उससे अधिक (व्यावसायिक मात्रा): 10 से 20 साल तक की जेल और 1 लाख से 2 लाख रुपये तक का जुर्माना।

कम मात्रा में गांजा मिलने पर आरोपी को जमानत मिलने की संभावना अधिक होती है, जबकि व्यावसायिक मात्रा में गांजा पाए जाने पर जमानत की प्रक्रिया कठिन हो जाती है। 

अभय सिंह को जमानत क्यों मिली?

अभय सिंह के पास से केवल 1.5 ग्राम गांजा बरामद हुआ, जो NDPS एक्ट के अनुसार बहुत कम मात्रा मानी जाती है। इसी वजह से उन्हें तुरंत जमानत मिल गई। आम तौर पर, कम मात्रा में गांजा मिलने पर बेल मिलने की संभावना अधिक होती है, बशर्ते कि व्यक्ति पर अन्य गंभीर आरोप न हों। 

NDPS एक्ट में अब तक के संशोधन

NDPS एक्ट में अब तक चार बार संशोधन किए गए हैं:

1. 1988: पहली बार सख्त प्रावधान जोड़े गए।

2. 2001: सजा को लेकर नए दिशानिर्देश बनाए गए

3. 2014: दवाइयों से जुड़े कुछ बदलाव किए गए।

4. 2021: एनडीपीएस एक्ट में कई सुधार लाए गए।

इन संशोधनों का उद्देश्य नशीले पदार्थों के दुरुपयोग को रोकना और संबंधित अपराधों के लिए सख्त सजा सुनिश्चित करना था।

'IIT बाबा' अभय सिंह के मामले ने NDPS एक्ट के तहत गांजा रखने और उससे संबंधित कानूनी प्रावधानों पर एक बार फिर से ध्यान आकर्षित किया है। कम मात्रा में गांजा रखने पर कानून में सजा का प्रावधान है, लेकिन जमानत मिलने की संभावना अधिक होती है। यह मामला इस बात को रेखांकित करता है कि नशीले पदार्थों के उपयोग और उनके कानूनी परिणामों के प्रति जागरूकता आवश्यक है।


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