मौत को मात: 14,000 फीट से गिरकर भी बची जान, स्काईडाइवर एम्मा कैरी की अनसुनी कहानी

 "14,000 फीट की ऊंचाई से गिरकर भी बची जान – एम्मा कैरी की हैरान कर देने वाली कहानी!"

कहते हैं, ‘जाको राखे साइयां मार सके न कोय।’ यह कहावत ऑस्ट्रेलियाई स्काईडाइवर एम्मा कैरी पर सटीक बैठती है। उनकी कहानी किसी चमत्कार से कम नहीं, जहां मौत का साया सिर पर मंडरा रहा था, लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं छोड़ा। 2013 में हुई यह घटना दुनिया के सबसे खतरनाक स्काईडाइविंग हादसों में से एक मानी जाती है, जिसमें एम्मा ने मौत को मात देकर जीवन की नई शुरुआत की। उनकी इस कहानी को जानकर कोई भी चौंक जाएगा, क्योंकि ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि कोई 14,000 फीट की ऊंचाई से बिना पैराशूट खुले गिरकर भी जीवित बच जाए। आइए, जानते हैं इस अद्भुत कहानी के बारे में विस्तार से।

छुट्टियों का रोमांच जो बन गया जीवन का सबसे बड़ा डर

वर्ष 2013 में एम्मा कैरी अपनी दोस्त जेम्मा मर्डक के साथ स्विट्जरलैंड में छुट्टियां मना रही थीं। एडवेंचर का शौक रखने वाली एम्मा को अंदाजा भी नहीं था कि यह यात्रा उनकी जिंदगी बदल देगी। हालांकि, उनका स्काईडाइविंग करने का कोई खास प्लान नहीं था, लेकिन जब उन्होंने अन्य लोगों को आसमान में गोता लगाते देखा, तो वे खुद को रोक नहीं पाईं। रोमांच का अनुभव लेने की तीव्र इच्छा ने उन्हें इस खतरनाक खेल में कूदने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपनी दोस्त के साथ स्काईडाइविंग करने का फैसला किया, लेकिन उन्हें इस बात की जरा भी भनक नहीं थी कि अगले कुछ मिनटों में उनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल जाएगी।

जब सब कुछ था सामान्य, लेकिन फिर हुआ हादसा

जैसे ही हेलीकॉप्टर ऊंचाई पर पहुंचा, एम्मा ने छलांग लगा दी। हवा में उड़ने का एहसास बेहद अद्भुत था, लेकिन यह खुशी ज्यादा देर तक नहीं टिकी। 10 सेकंड की फ्रीफॉल के बाद एम्मा को अपना पैराशूट खोलना था, लेकिन जैसे ही उन्होंने ऐसा किया, उन्हें अजीब सा झटका महसूस हुआ। अगला ही पल उनके लिए जीवन और मृत्यु का संघर्ष लेकर आया।

उनका पैराशूट उनके पैरों में उलझ गया था। एम्मा को समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें। कुछ ही सेकंड में उनका शरीर तेजी से धरती की ओर गिरने लगा। उनके दिमाग में बस एक ही सवाल चल रहा था – ‘क्या मैं बच पाऊंगी?’ यह सोचते-सोचते वे जमीन की ओर बढ़ रही थीं और फिर तेज धमाके के साथ धरती से टकरा गईं।

ज़िंदा हूं, तो उम्मीद है!

गिरने के बाद कुछ सेकंड के लिए सब कुछ शांत था। एम्मा को लगा कि उनकी मौत हो चुकी है। लेकिन अगले ही पल शरीर में उठती असहनीय पीड़ा ने उन्हें एहसास दिलाया कि वे अब भी जीवित हैं। दर्द इतना भयानक था कि वे चीख भी नहीं पा रही थीं। उनकी रीढ़ की हड्डी दो जगह से टूट चुकी थी, पूरा शरीर खून से लथपथ था और हिलना-डुलना असंभव हो गया था।

उनकी दोस्त जेम्मा, जो सुरक्षित लैंड कर चुकी थीं, दौड़ती हुई उनके पास आईं। यह दृश्य किसी भयानक सपने से कम नहीं था। जेम्मा ने तुरंत मदद के लिए कॉल किया और कुछ ही देर में मेडिकल टीम मौके पर पहुंच गई। एम्बुलेंस ने एम्मा को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उनकी रीढ़ की हड्डी बुरी तरह टूट गई है और उनके ठीक होने की संभावना बेहद कम है।

जब डॉक्टरों ने छोड़ दी थी उम्मीद

सर्जरी के बाद डॉक्टरों ने कहा कि शायद एम्मा अब कभी चल नहीं पाएंगी। यह सुनकर एम्मा के दिल में गहरा आघात पहुंचा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। वे जानती थीं कि अगर उन्होंने हार मानी, तो यह हादसा उनकी जिंदगी की आखिरी सजा बन जाएगा। ऑस्ट्रेलिया वापस लौटने के बाद एम्मा ने रिकवरी शुरू की। यह सफर आसान नहीं था। हर दिन दर्द से भरा था, लेकिन उनका इरादा अटल था।

इच्छाशक्ति से मिली नई जिंदगी

धीरे-धीरे उन्होंने अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश शुरू की। यह एक लंबी और तकलीफदेह प्रक्रिया थी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। महीनों की मेहनत और दर्द सहने के बाद वे फिर से चलने लगीं। हालांकि, अब भी वे पूरी तरह से सामान्य रूप से नहीं चल पाती हैं, लेकिन वे इस बात से खुश हैं कि वे जिंदा हैं। एम्मा का कहना है, “मैंने मौत को करीब से देखा, लेकिन अब हर दिन को एक नई जिंदगी की तरह जीती हूं।”

सबक जो हम सीख सकते हैं

एम्मा कैरी की कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में कितनी भी बड़ी मुसीबत क्यों न आ जाए, अगर हमारे अंदर इच्छाशक्ति है, तो हम हर चुनौती को पार कर सकते हैं। उनकी यह कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि हमें यह भी बताती है कि कभी भी हार नहीं माननी चाहिए।

आज एम्मा स्काईडाइविंग के उस खौफनाक हादसे को याद करती हैं, लेकिन अब वे डर के बजाय अपनी हिम्मत और इच्छाशक्ति को देखती हैं। उनका सफर इस बात का उदाहरण है कि इंसान अपनी सीमाओं को पार कर सकता है, अगर उसका हौसला मजबूत हो।

तो अगली बार जब जिंदगी में कोई मुश्किल आए, तो एम्मा कैरी की कहानी याद रखना और खुद से कहना – ‘अगर एम्मा 14,000 फीट से गिरकर बच सकती हैं, तो मैं अपनी परेशानियों को जरूर पार कर सकता हूं।’


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