"मेहनत, काबिलियत और नेतृत्व की मिसाल: निधि तिवारी का पीएम मोदी के निजी सचिव बनने तक का प्रेरणादायक सफर"
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और भारतीय विदेश सेवा (IFS) में महिलाओं की भागीदारी तेजी से बढ़ रही है। इस दिशा में एक नया नाम जुड़ा है - निधि तिवारी। भारतीय विदेश सेवा (IFS) की अधिकारी निधि तिवारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निजी सचिव (Private Secretary) नियुक्त किया गया है। यह एक महत्वपूर्ण पद है, जो देश के शीर्ष प्रशासनिक ढांचे में अत्यधिक प्रभावशाली माना जाता है। आइए, जानते हैं निधि तिवारी के अब तक के सफर के बारे में विस्तार से।
कौन हैं निधि तिवारी?
निधि तिवारी भारतीय विदेश सेवा (IFS) की 2013 बैच की अधिकारी हैं। उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2013 में 96वीं रैंक हासिल की थी। इससे पहले, वह वाराणसी में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर कार्यरत थीं और नौकरी के साथ-साथ सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रही थीं। उनकी मेहनत और लगन का ही नतीजा है कि वे देश की प्रतिष्ठित विदेश सेवा का हिस्सा बनीं।
पीएम मोदी की प्राइवेट सेक्रेटरी बनने तक का सफर
निधि तिवारी को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में डिप्टी सेक्रेटरी के रूप में नियुक्त किया गया था। इस दौरान उन्होंने विदेश और सुरक्षा मामलों पर काम किया और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल को रिपोर्ट करती थीं। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके शानदार प्रदर्शन को देखते हुए अब उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राइवेट सेक्रेटरी नियुक्त किया गया है।
क्या होगा निधि तिवारी का नया रोल?
प्रधानमंत्री के निजी सचिव के रूप में निधि तिवारी का मुख्य कार्य पीएम मोदी की दिनचर्या को संभालना, महत्वपूर्ण बैठकों का प्रबंधन करना और सरकारी नीतियों को लागू करने में सहयोग देना होगा। इस भूमिका में वे पीएम मोदी के साथ प्रत्यक्ष रूप से कार्य करेंगी और उनके शेड्यूल को सुचारू रूप से संचालित करेंगी।
निधि तिवारी की शिक्षा और प्रारंभिक जीवन
निधि तिवारी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के वाराणसी के महमूरगंज क्षेत्र की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा वाराणसी में ही प्राप्त की और आगे की पढ़ाई के दौरान प्रशासनिक सेवाओं में जाने का सपना देखा। नौकरी के साथ-साथ सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करना आसान नहीं होता, लेकिन निधि ने अपनी मेहनत और दृढ़ निश्चय के दम पर इसे संभव कर दिखाया।
यूपीएससी परीक्षा और विदेश मंत्रालय में योगदान
निधि तिवारी ने साल 2013 में यूपीएससी परीक्षा पास की और 96वीं रैंक हासिल की। इसके बाद, उन्होंने विदेश मंत्रालय में काम किया और अपनी काबिलियत साबित की। उनकी प्रतिभा को पहचानते हुए उन्हें 2014 में विदेश मंत्रालय का ‘बेस्ट ऑफिसर ट्रेनी अवार्ड’ दिया गया। यह उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन का प्रमाण है।
राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में अनुभव
पीएमओ में कार्यरत रहते हुए निधि तिवारी ने विदेश और सुरक्षा वर्टिकल में काम किया, जो राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को रिपोर्ट करता था। इस दौरान उन्होंने कूटनीति और सुरक्षा मामलों में गहरी समझ विकसित की। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर उनकी पकड़ मजबूत मानी जाती है।
पीएमओ में निजी सचिव का वेतन और सुविधाएं
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में निजी सचिव के पद पर कार्यरत अधिकारियों का वेतनमान पे मैट्रिक्स लेवल 14 के अनुसार निर्धारित किया जाता है। इस पद पर मासिक वेतन ₹1,44,200 होता है। इसके अलावा, निधि तिवारी को कई अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी, जिनमें शामिल हैं:
- आवास भत्ता (HRA)
- महंगाई भत्ता (DA)
- यात्रा भत्ता (TA)
- अन्य सरकारी भत्ते
इन सभी को मिलाकर उनकी कुल सैलरी करीब ₹2 लाख प्रति माह हो सकती है।
महिला अधिकारियों के लिए प्रेरणा
निधि तिवारी की यह उपलब्धि न केवल उनकी व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि उन सभी महिलाओं के लिए भी प्रेरणा है, जो प्रशासनिक सेवाओं में करियर बनाने की ख्वाहिश रखती हैं। उन्होंने यह साबित कर दिया कि अगर मेहनत और सही दिशा में प्रयास किया जाए, तो सफलता निश्चित है।
निधि तिवारी का प्रधानमंत्री मोदी की निजी सचिव के रूप में चयन यह दर्शाता है कि उनकी कार्यकुशलता और नेतृत्व क्षमता कितनी मजबूत है। उनके कंधों पर अब प्रधानमंत्री की दिनचर्या को संभालने और देश के शीर्ष प्रशासनिक कार्यों में सहयोग देने की जिम्मेदारी है। उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके करियर का नया अध्याय है, बल्कि देश की प्रशासनिक व्यवस्था में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
निधि तिवारी का यह सफर हमें बताता है कि मेहनत, लगन और आत्मविश्वास से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
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