यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस (UPI) भारत में डिजिटल भुगतान का एक प्रमुख माध्यम बन चुका है, जो लाखों उपयोगकर्ताओं को तेज़, सुरक्षित और सुविधाजनक लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है। हालांकि, बढ़ते साइबर धोखाधड़ी के मामलों के चलते, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI प्रणाली में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करने का निर्णय लिया है। इनमें से एक प्रमुख बदलाव एक विशेष फीचर को हटाना है, जिसका उद्देश्य स्कैम को रोकना और उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा को बढ़ाना है। इस लेख में, हम इस बदलाव की विस्तृत जानकारी, इसके पीछे के कारण, संभावित प्रभाव और उपयोगकर्ताओं के लिए आवश्यक सावधानियों पर चर्चा करेंगे।
UPI में हालिया बदलाव:
NPCI ने UPI प्रणाली में समय-समय पर सुधार और अपडेट किए हैं ताकि उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित और सुविधाजनक सेवा मिल सके। हाल ही में, 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले नए नियमों के तहत, NPCI ने बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (PSP) को निर्देश दिया है कि वे अपने डेटाबेस को नियमित रूप से अपडेट करें और उन मोबाइल नंबरों को हटाएं जो डिस्कनेक्ट या सरेंडर कर दिए गए हैं。 यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि गलत नंबरों पर लेनदेन की संभावना को कम किया जा सके, जिससे स्कैम के मामलों में कमी आएगी।
स्कैम रोकने के लिए फीचर हटाने का निर्णय
UPI प्रणाली में एक फीचर था जो उपयोगकर्ताओं को बिना OTP (वन-टाइम पासवर्ड) के छोटे मूल्य के लेनदेन करने की अनुमति देता था। हालांकि, साइबर अपराधियों ने इस सुविधा का दुरुपयोग करना शुरू कर दिया, जिससे उपयोगकर्ताओं के बैंक खातों से अनधिकृत लेनदेन होने लगे। इस खतरे को देखते हुए, NPCI ने निर्णय लिया है कि इस फीचर को हटाया जाए ताकि सभी लेनदेन के लिए OTP अनिवार्य हो। यह बदलाव 1 जनवरी 2025 से लागू होगा।
OTP आधारित सुरक्षा: क्यों है यह आवश्यक?
OTP आधारित प्रमाणीकरण उपयोगकर्ता की पहचान की पुष्टि करने का एक प्रभावी तरीका है, जो अनधिकृत लेनदेन को रोकने में मदद करता है। जब भी कोई लेनदेन किया जाता है, तो उपयोगकर्ता के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक OTP भेजा जाता है, जिसे दर्ज करने पर ही लेनदेन पूरा होता है। इस प्रक्रिया से धोखाधड़ी के मामलों में कमी आती है, क्योंकि स्कैमर्स के लिए OTP प्राप्त करना कठिन होता है।
उपयोगकर्ताओं पर प्रभाव
सुरक्षा में वृद्धि: सभी लेनदेन के लिए OTP अनिवार्य होने से उपयोगकर्ताओं के बैंक खातों की सुरक्षा बढ़ेगी और धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी।
लेनदेन प्रक्रिया में बदलाव: छोटे मूल्य के लेनदेन के लिए भी OTP दर्ज करना होगा, जिससे प्रक्रिया में थोड़ा समय अधिक लग सकता है।
व्यापारियों पर प्रभाव
लेनदेन की प्रक्रिया में बदलाव: छोटे मूल्य के लेनदेन के लिए भी OTP आवश्यक होने से व्यापारियों को ग्राहकों को इस प्रक्रिया के बारे में जागरूक करना होगा।
सुरक्षा में वृद्धि: सुरक्षित लेनदेन से व्यापारियों की विश्वसनीयता बढ़ेगी और ग्राहक संतुष्टि में सुधार होगा।
उपयोगकर्ताओं के लिए सुझाव: सुरक्षित लेनदेन के लिए
1. OTP गोपनीय रखें: किसी के साथ अपना OTP साझा न करें, चाहे वह बैंक प्रतिनिधि के रूप में ही क्यों न प्रस्तुत हो।
2. अनजान कॉल्स से सावधान रहें: यदि कोई व्यक्ति आपको कॉल करके OTP पूछता है, तो सतर्क रहें और जानकारी साझा न करें
3. UPI ऐप्स को अपडेट रखें: अपने UPI ऐप्स को नियमित रूप से अपडेट करें ताकि आपको नवीनतम सुरक्षा फीचर्स मिल सकें।
4. लेनदेन की नियमित जांच करें: अपने बैंक स्टेटमेंट और UPI लेनदेन की नियमित जांच करें ताकि किसी भी अनधिकृत गतिविधि का पता चल सके।
UPI प्रणाली में यह महत्वपूर्ण बदलाव उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया है। सभी लेनदेन के लिए OTP अनिवार्य करने से धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी और डिजिटल भुगतान प्रणाली में विश्वास बढ़ेगा। उपयोगकर्ताओं को इस बदलाव के प्रति जागरूक रहना चाहिए और सुरक्षित लेनदेन के लिए आवश्यक सावधानियों का पालन करना चाहिए।

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