अनंत अंबानी की अनोखी पहल: पैदल यात्रा के दौरान बचाई गईं 250 मुर्गियां, जानिए पूरी कहानी

अनंत अंबानी की पैदल यात्रा और एक भावुक घटना

देश के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी अक्सर चर्चा में रहते हैं। कभी अपने भव्य समारोहों को लेकर, तो कभी सामाजिक कार्यों की वजह से। इन दिनों वह एक विशेष कारण से सुर्खियों में हैं—140 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा, जो उन्होंने जामनगर से द्वारका तक शुरू की है। यह यात्रा धार्मिक आस्था और आध्यात्मिकता से जुड़ी हुई है, लेकिन इसी दौरान एक ऐसी घटना हुई जिसने सभी का ध्यान खींच लिया।

अनंत अंबानी पैदल यात्रा

अनंत अंबानी ने अपनी इस यात्रा के दौरान सड़क पर एक ऐसा दृश्य देखा जिसने उनके दिल को झकझोर दिया। उन्होंने देखा कि एक ट्रक में करीब 250 मुर्गियों को बूचड़खाने ले जाया जा रहा था। वे इस दृश्य से व्यथित हो गए और उन्होंने तुरंत ट्रक रुकवाया। इसके बाद जो हुआ, वह दिल को छू लेने वाला था। इसे भी पढ़े: धोनी के घुटनों की चुनौती: 10 ओवर तक पूरी ताकत से बल्लेबाजी नहीं कर सकते, स्टीफन फ्लेमिंग का खुलासा

दोगुनी कीमत देकर मुर्गियों को बचाया

अनंत अंबानी ने बिना देर किए ट्रक ड्राइवर से बातचीत की और उन सभी 250 मुर्गियों को खरीदने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने इन मुर्गियों को दोगुनी कीमत पर खरीदा और कहा, "अब ये हमारी जिम्मेदारी हैं, हम इन्हें पालेंगे।"


उनकी इस पहल ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरीं। जब उन्होंने इन मुर्गियों को खरीदकर खुद अपने हाथों में पकड़ा और "जय द्वारकाधीश" का नारा लगाया, तो यह दृश्य इंटरनेट पर वायरल हो गया। यह न केवल पशु प्रेम की मिसाल था बल्कि यह भी दर्शाता है कि अनंत अंबानी जीवों के प्रति कितने संवेदनशील हैं।

धार्मिक स्थलों पर आशीर्वाद लेते हुए यात्रा जारी

अनंत अंबानी की यह यात्रा केवल एक आध्यात्मिक सफर नहीं बल्कि सेवा और दया का प्रतीक बन गई है।

भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, उनकी यात्रा के पांचवें दिन वे वडत्रा गांव के पास विश्वनाथ वेद संस्कृत पाठशाला पहुंचे, जहां उन्होंने संस्थापक मगनभाई राज्यगुरु के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इसके बाद खंभालिया के फुललीया हनुमान मंदिर पहुंचे, जहां संत भरतदास बापू ने उनका शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया।

बापू ने उन्हें भगवान द्वारकाधीश की फोटो भेंट की, जिसे अनंत अंबानी ने श्रद्धा से ग्रहण किया और अपने माथे से लगाया। यह दिखाता है कि वे न केवल धर्म और आस्था से जुड़े हुए हैं, बल्कि भारतीय परंपराओं का सम्मान भी करते हैं।

रात के समय यात्रा का अनूठा कारण

अनंत अंबानी अपनी यात्रा के दौरान एक खास पैटर्न फॉलो कर रहे हैं। वे रात में ही पैदल चलते हैं। इसका कारण यह है कि दिन में गर्मी अधिक होती है और उनके साथ चल रहे भक्तों को कोई असुविधा न हो।

यह भी बताया जा रहा है कि वे इस यात्रा के अंत में 10 अप्रैल को द्वारका पहुंचेंगे और वहीं अपना 30वां जन्मदिन मनाएंगे। यह उनके लिए सिर्फ एक व्यक्तिगत उत्सव नहीं होगा, बल्कि वे इसे आध्यात्मिक आभार प्रकट करने के रूप में देख रहे हैं।

प्रकृति और वन्यजीवों के प्रति समर्पण

यह पहली बार नहीं है जब अनंत अंबानी ने पशुओं के प्रति इतना प्रेम दिखाया है। वे वन्यजीव संरक्षण के लिए समर्पित हैं और "वनतारा" नामक एक बड़े प्रोजेक्ट का संचालन कर रहे हैं।

वनतारा भारत का सबसे बड़ा निजी वन्यजीव संरक्षण केंद्र है, जहां 2000 से अधिक प्रजातियों के 1.5 लाख से ज्यादा जानवरों को बचाया गया है। हाल ही में केंद्र सरकार ने उन्हें "प्राणी मित्र राष्ट्रीय पुरस्कार" से सम्मानित किया था।

सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रिया

इस पूरी घटना के बाद सोशल मीडिया पर अनंत अंबानी की जमकर तारीफ हो रही है। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लोग उनकी दरियादिली और पशु प्रेम की सराहना कर रहे हैं।

एक यूजर ने लिखा:

"अनंत अंबानी का यह कदम दिल को छू लेने वाला है। अमीर लोग सिर्फ पैसे नहीं, दिल से भी बड़े होने चाहिए।"

एक अन्य यूजर ने कहा:

"अगर हर कोई अनंत अंबानी की तरह सोचने लगे, तो दुनिया में कोई भी जीव दर्द में नहीं रहेगा।"

उनकी यह पहल न केवल एक उदाहरण है, बल्कि यह भी दिखाती है कि जब किसी के पास साधन होते हैं, तो उनका सही उपयोग कितना जरूरी है।

अनंत अंबानी की यह कहानी हमें सिखाती है कि सफलता के साथ जिम्मेदारी भी आती है। अमीरी सिर्फ पैसे में नहीं होती, बल्कि इंसान के दिल में होती है।

उनकी यह पहल हमें बताती है कि अगर हमारे पास शक्ति और संसाधन हैं, तो हमें उनका उपयोग दूसरों की मदद के लिए करना चाहिए। उनकी पैदल यात्रा सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि दयालुता, सेवा और निस्वार्थ प्रेम का प्रतीक बन चुकी है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे आने वाले दिनों में वे और कौन-कौन से सामाजिक कार्यों में हिस्सा लेते हैं। लेकिन एक बात तय है—उन्होंने अपनी इस अनोखी पहल से लाखों लोगों का दिल जीत लिया है!


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