आशीष नेहरा बोले – “जोंटी रोड्स, डिविलियर्स सब फेल हैं, रवींद्र जडेजा हैं क्रिकेट के बेस्ट फील्डर!” | Best Fielder in Cricket History
जोंटी रोड्स, डिविलियर्स सब फेल? जानिए क्यों रवींद्र जडेजा को कहा गया 'क्रिकेट का बादशाह फील्डिंग का'
क्रिकेट एक ऐसा खेल है जहाँ बल्लेबाजी और गेंदबाजी को तो हर कोई महत्व देता है, लेकिन फील्डिंग—जिसे कभी खेल का अनदेखा हीरा कहा जाता था—आज एक मैच विनिंग फैक्टर बन चुका है। फील्डिंग सिर्फ कैच पकड़ना या रन रोकना नहीं है, यह उस आत्मविश्वास की कहानी है जो गेंदबाज को नई जान देता है और बल्लेबाज की धड़कनें बढ़ा देता है।
इसी फील्डिंग की दुनिया में जब आशीष नेहरा जैसे अनुभवी खिलाड़ी ने रवींद्र जडेजा को "क्रिकेट इतिहास का सबसे बेहतरीन फील्डर" कहा, तो क्रिकेट जगत चौंक गया। क्या वाकई जडेजा ने जोंटी रोड्स और डिविलियर्स जैसे दिग्गजों को पीछे छोड़ दिया?
रवींद्र जडेजा: मैदान पर बिजली जैसी मौजूदगी
रवींद्र जडेजा का नाम लेते ही हमारे सामने एक ऐसा खिलाड़ी आता है जो मैदान पर हर समय सक्रिय रहता है। कभी बाउंड्री लाइन पर हवा में उड़ता कैच, तो कभी पॉइंट पर मिसाइल की तरह थ्रो। जडेजा की फील्डिंग सिर्फ रन बचाने या कैच पकड़ने तक सीमित नहीं है। उन्होंने बार-बार साबित किया है कि एक बेहतरीन फील्डर कैसे मैच का रुख बदल सकता है। उनकी सबसे खास बात है—सटीक थ्रो, लाइटनिंग स्पीड, और धधकती फिटनेस। यही कारण है कि आशीष नेहरा ने उन्हें 'दुनिया का बेस्ट फील्डर' करार दिया।
आशीष नेहरा का बयान: "जडेजा कुछ अलग खाते हैं क्या?"
जब स्टार स्पोर्ट्स पर आशीष नेहरा से पूछा गया कि आपके हिसाब से क्रिकेट का सबसे बेहतरीन फील्डर कौन है, तो उन्होंने बिना एक पल रुके रवींद्र जडेजा का नाम लिया। उन्होंने कहा—"मैंने बहुत से बेहतरीन फील्डर देखे हैं, कुछ सर्कल के अंदर और कुछ बाहर। जोंटी रोड्स सर्कल के भीतर शानदार थे, लेकिन ऑलराउंड फील्डिंग की बात करें तो रवींद्र जडेजा को सबसे ऊपर रखूंगा।" नेहरा का ये भी कहना था कि जडेजा की फिटनेस अद्भुत है। "मैं नहीं जानता कि वो क्या खाते हैं, लेकिन जो भी खाते हैं, बाकी प्लेयर्स को भी वही खाना चाहिए!" यह एक मजेदार लाइन थी, लेकिन इससे यह साफ हो गया कि जडेजा की फिटनेस और लगातार प्रदर्शन से सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। इसे भी जरूर पढ़ें:-
जोंटी रोड्स और डिविलियर्स से तुलना: क्या वाकई जडेजा बेहतर हैं?
क्रिकेट में जब हम फील्डिंग की बात करते हैं, तो पहला नाम आता है जोंटी रोड्स का। दक्षिण अफ्रीका के इस खिलाड़ी ने 90 के दशक में फील्डिंग को एक आर्ट बना दिया था। वहीं, एबी डिविलियर्स जैसे खिलाड़ी भी ऑलराउंड फील्डर माने जाते हैं—चाहे स्लिप हो, लॉन्ग ऑन हो या विकेट के पीछे। लेकिन रवींद्र जडेजा का मामला थोड़ा अलग है—उन्होंने हर जगह फील्डिंग की है और हर बार इम्पैक्ट डाला है। पॉइंट पर उनका थ्रो सीधा स्टंप्स पर लगता है। डीप मिडविकेट पर कैच पकड़ते समय वो हवा में उड़ते हैं। रन आउट की बात करें तो उनका कोई जोड़ नहीं। IPL से लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट तक, जडेजा ने कई मैच सिर्फ अपनी फील्डिंग से जिताए हैं। और यही बात उन्हें जोंटी और डिविलियर्स से भी आगे खड़ा करती है।
IPL 2025 में जडेजा का प्रदर्शन: बल्ले और गेंद से नहीं, फील्डिंग से चमक
IPL 2025 में रवींद्र जडेजा चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से खेल रहे हैं। हालांकि अब तक उन्होंने 7 मैचों में सिर्फ 92 रन बनाए हैं और 4 विकेट लिए हैं, लेकिन अगर उनकी फील्डिंग को देखें, तो उन्होंने 5 रन आउट, 3 कैच और कई रन सेव किए हैं। CSK के कप्तान खुद कहते हैं कि—"जड्डू की फील्डिंग हमारे लिए गोल्ड है। चाहे कोई कैच हो या रन आउट, वो जब तक फील्ड पर हैं, बल्लेबाज असहज महसूस करते हैं।" यह बताता है कि भले ही उनका बल्ला और गेंद चुप हों, लेकिन उनकी फील्डिंग बोलती है और टीम के लिए मैच जिताऊ साबित होती है।
क्रिकेट का नया मंत्र: "Catches win matches" से "Jadeja wins matches"
कभी कहा जाता था—"Catches win matches", यानी कैच जीत दिलाते हैं। आज के दौर में कहा जा सकता है—"Jadeja wins matches with fielding." उनके जैसा खिलाड़ी पूरे ग्राउंड को कवर कर सकता है। उनके जैसा थ्रो शायद ही किसी और के पास हो। और जो आत्मविश्वास वो टीम में भरते हैं, वो उन्हें लीजेंड बना देता है।
क्रिकेट का असली हीरो – रवींद्र जडेजा
जहाँ एक ओर बल्लेबाजों की बैटिंग और गेंदबाजों की विकेटों की चर्चा हर दिन होती है, वहीं एक ऐसा फील्डर है जो बिना चर्चा के भी अपनी चमक बिखेरता है। रवींद्र जडेजा की फील्डिंग ने क्रिकेट को एक नई परिभाषा दी है। आशीष नेहरा जैसे दिग्गज का उन्हें सर्वश्रेष्ठ फील्डर कहना सिर्फ एक राय नहीं, एक सच्चाई है—जिसे आंकड़ों और मैदान पर उनके प्रभाव से साबित किया जा सकता है।
तो अगली बार जब कोई पूछे कि क्रिकेट का बेस्ट फील्डर कौन है, तो बिना हिचक कहिए—"रवींद्र जडेजा – क्रिकेट का बाज़, मैदान का राजा।"

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