कोरोना फिर बना काल: JN.1 वैरिएंट से देश में हड़कंप, मुंबई में दो मौतें, केरल सबसे ज्यादा प्रभावित

फिर लौटा कोरोना का खौफ

जिस महामारी ने पूरी दुनिया को सालों तक थर्रा कर रख दिया था, वह अब एक बार फिर सिर उठाने लगी है। कोरोना वायरस का नया वैरिएंट JN.1 अब भारत में धीरे-धीरे अपने पैर पसार रहा है। हाल ही में देश में 257 सक्रिय मामले सामने आए हैं, जिनमें से दो मौतें सिर्फ मुंबई में दर्ज हुई हैं। इन घटनाओं ने न सिर्फ स्वास्थ्य विभाग बल्कि आम लोगों के बीच भी चिंता की लहर दौड़ा दी है।

JN.1 वैरिएंट क्या है?

JN.1 दरअसल ओमिक्रॉन का एक सब-वैरिएंट है, जो पहले से ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है। WHO ने इसे 'वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' घोषित किया है, जिसका अर्थ है कि इसकी नजरबानी करना आवश्यक है क्योंकि यह तेजी से फैल सकता है और वैक्सीन से बनी इम्यूनिटी को भी चकमा दे सकता है।

इसके साथ ही दो और सब-वैरिएंट LF.7 और NB.1.8 भी सामने आए हैं, जिनके लक्षण और प्रसार क्षमता भी चिंता का विषय बने हुए हैं। इसे भी जरूर पढे:- LSG vs SRH: 69 विकेट का गजब रिकॉर्ड... कौन हैं हर्ष दुबे? गेंद थामते ही विस्फोटक मार्श को दी मात

देश में कहां-कहां फैला संक्रमण?

19 मई 2025 तक:

  • केरल में सबसे ज्यादा 69 केस दर्ज हुए हैं।
  • महाराष्ट्र में 44 केस मिले हैं, जिनमें से 53 में से केवल मुंबई में ही 53 मामले सामने आए।
  • तमिलनाडु में 34 केस पाए गए।
  • इसके अलावा कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और सिक्किम में भी कुछ केस रिपोर्ट हुए हैं।

मुंबई में दो मौतें: डरावनी हकीकत

मुंबई के KEM अस्पताल में दो मरीजों की मौत से हड़कंप मच गया है। मृतकों में एक 14 वर्षीय लड़की शामिल है, जो पहले से ही किडनी की बीमारी से जूझ रही थी। वहीं दूसरी मृतक एक 54 वर्षीय महिला थीं, जो कैंसर से पीड़ित थीं। दोनों ही कोरोना संक्रमित पाई गईं और उनकी हालत गंभीर थी।

क्या स्थिति नियंत्रण में है?

स्वास्थ्य मंत्रालय ने फिलहाल स्थिति को नियंत्रण में बताया है, लेकिन सावधानी बरतने की सलाह दी है। मंत्रालय ने अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि वे फ्लू जैसे लक्षणों और सांस से संबंधित गंभीर बीमारियों की निगरानी बढ़ाएं।

लक्षण क्या हैं?

JN.1 के लक्षण पुराने कोविड वेरिएंट्स से मिलते-जुलते हैं:

  • बुखार
  • गले में खराश
  • खांसी
  • नाक बहना
  • सिरदर्द
  • स्वाद या गंध का जाना
  • अत्यधिक थकान
  • सांस लेने में तकलीफ (गंभीर मामलों में)

पड़ोसी देशों की स्थिति:

  • सिंगापुर में मई के पहले सप्ताह में 14,200 नए मामले आए, जो अप्रैल से 28% ज्यादा हैं।
  • हांगकांग में एक सप्ताह में 31 मौतें हुईं। यह संख्या एक साल में सबसे ज्यादा है।
  • थाईलैंड और चीन में भी अलर्ट जारी किया गया है।

भारत सरकार की तैयारी

स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई जिसमें NCDC और ICMR के वरिष्ठ अधिकारी और वैज्ञानिक शामिल हुए। इस बैठक में देश की मौजूदा स्थिति, अस्पतालों की तैयारी, दवाओं की उपलब्धता और वैक्सीनेशन की स्थिति की समीक्षा की गई। इसे भी जरूर पढ़ें:-भूलकर भी मत खाना ये 7 बेहद कॉमन दवाएं, जो किडनी को कर देती हैं डैमेज

विशेषज्ञों की चेतावनी:

विशेषज्ञों का मानना है कि:

  • वैक्सीन से बनी इम्यूनिटी अब धीरे-धीरे कमजोर हो रही है।
  • JN.1 और उसके सब-वैरिएंट्स अधिक तेजी से फैल सकते हैं।
  • बुजुर्ग, बच्चे और पहले से बीमार लोग ज्यादा जोखिम में हैं।

क्या करें? सावधानियां और बचाव

1. मास्क पहनना फिर से शुरू करें – खासकर भीड़भाड़ वाली जगहों पर।

2. बार-बार हाथ धोना – संक्रमण से बचने के लिए जरूरी है।

3. भीड़ से दूरी बनाए रखें – सामाजिक दूरी आज भी कारगर है।

4. बूस्टर डोज जरूर लें – जिन लोगों ने अब तक बूस्टर डोज नहीं ली, वे तुरंत वैक्सीनेशन कराएं।

5. सर्दी-जुकाम को हल्के में न लें – लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करें।

 सतर्क रहें, सुरक्षित रहें

हालांकि भारत में कोरोना की स्थिति अभी गंभीर नहीं है, लेकिन इसे हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है। सिंगापुर और हांगकांग जैसे देशों की स्थिति देखकर हम यह अंदाजा लगा सकते हैं कि अगर समय रहते सावधानी न बरती गई तो हालात फिर से बिगड़ सकते हैं।

हमें याद रखना चाहिए कि कोरोना अब भी हमारे बीच है और इसकी नई शक्लें किसी भी समय हमारे जीवन को अस्त-व्यस्त कर सकती हैं। ऐसे में जिम्मेदार नागरिक बनकर हर संभव सावधानी बरतना ही हमारे और हमारे परिवार की सुरक्षा का आधार है।

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