Operation Sindoor: 27 फरवरी 2025 की सुबह, भारतीय वायुसेना ने इतिहास रच दिया। 'ऑपरेशन सिंदूर' (Operation Sindoor) नामक एक गुप्त सैन्य अभियान के तहत पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक और व्यापक एयर स्ट्राइक की गई।
इस अभियान में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पंजाब प्रांत की कुल 9 महत्वपूर्ण जगहों को निशाना बनाया गया। इस ऑपरेशन ने एक बार फिर दिखा दिया कि भारत अपनी सुरक्षा और नागरिकों पर हमले के खिलाफ किसी भी स्तर तक जाकर जवाब दे सकता है।
ऑपरेशन सिंदूर क्या है?
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय वायुसेना द्वारा अंजाम दिया गया एक प्री-प्लान्ड प्रिसिजन एयर स्ट्राइक मिशन है। इसका मकसद पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठनों – जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिद्दीन – के लॉन्च पैड्स और आतंकी कैंपों को ध्वस्त करना था। इसका नाम 'सिंदूर' इसलिए रखा गया, ताकि यह भारत की मातृभूमि की रक्षा के साथ ‘शौर्य और पराक्रम’ का प्रतीक बन सके।
ऑपरेशन की पृष्ठभूमि
फरवरी 2025 के पहले सप्ताह में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा और राजौरी सेक्टर में हुए दो बड़े आत्मघाती हमलों में 40 से अधिक भारतीय सुरक्षाबलों की शहादत हुई। खुफिया रिपोर्ट्स से यह स्पष्ट हुआ कि इन हमलों की साजिश पाकिस्तान में बैठकर रची गई थी और हमलावरों को वहीं ट्रेनिंग और लॉजिस्टिक सपोर्ट मिला था। इसके बाद ही भारत सरकार ने कठोर जवाबी कार्रवाई का निर्णय लिया।
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भारतीय वायुसेना की रणनीति
इस ऑपरेशन के लिए भारतीय वायुसेना ने मिराज 2000, सुखोई-30 MKI और तेजस जैसे अत्याधुनिक फाइटर जेट्स के साथ-साथ हार्पून मिसाइलें और एरियल ड्रोन का उपयोग किया। इस मिशन को सफल बनाने में एयरबोर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) और ग्राउंड बेस्ड रडार नेटवर्क की भी बड़ी भूमिका रही।
टारगेट की लिस्ट – कहां हुई स्ट्राइक?
1. मुजफ्फराबाद (PoK)
- विशेषता: जैश-ए-मोहम्मद का मुख्य लॉन्च पैड
- असर: 3 आतंकी कैंप ध्वस्त, 30 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए
- स्थानीय रिपोर्ट्स: इलाके में धमाकों की आवाजें और कई विस्फोटक गोदाम तबाह
2. कोटली (PoK)
- विशेषता: लश्कर-ए-तैयबा की ट्रेनिंग यूनिट
- असर: 2 ट्रेनिंग कैंप खत्म, दर्जनों आतंकी घायल
- स्थानीय रिपोर्ट्स: पाकिस्तानी सेना के बंकर भी क्षतिग्रस्त
3. बहावलपुर (पाकिस्तान पंजाब)
- विशेषता: जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय (मसूद अज़हर का गढ़)
- असर: मुख्य ऑपरेशनल बिल्डिंग तबाह, मसूद अजहर का करीबी कर्नल अहमद मारा गया
4. रावलकोट (PoK)
- विशेषता: हिज्बुल मुजाहिद्दीन का अड्डा
- असर: हथियारों के दो बड़े डिपो नष्ट
5. चकोठी (LoC के पास)
- विशेषता: आतंकी घुसपैठ का लॉजिस्टिक बेस
- असर: लॉन्च पैड और गोला-बारूद डिपो तबाह
6. सियालकोट (पंजाब)
- विशेषता: लश्कर का रिक्रूटमेंट और ट्रेनिंग सेंटर
- असर: हाई-टेक ट्रेनिंग कैंप ध्वस्त, पाकिस्तानी सेना का सहयोगी कर्नल जफर मारा गया
7. मीरपुर (PoK)
- विशेषता: आतंकी भर्ती और प्रशिक्षण केंद्र
- असर: 25 से ज्यादा प्रशिक्षु आतंकवादी मारे गए
8. मानसेहरा (पाकिस्तान खैबर पख्तूनख्वा)
- विशेषता: जैश की बैकअप कम्युनिकेशन यूनिट
- असर: सैटेलाइट कम्युनिकेशन हब पूरी तरह ध्वस्त
9. डेरा गाजी खान (पंजाब)
- विशेषता: हथियारों और विस्फोटकों का डिपो
- असर: भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री तबाह, बड़ा विस्फोट
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ऑपरेशन की खास बातें
| विशेषता | विवरण |
|---|---|
| कुल मिशन अवधि | 42 मिनट |
| शामिल विमान | 12 मिराज-2000, 6 सुखोई-30 MKI, 4 तेजस |
| शामिल हथियार | SPICE-2000 बम, हार्पून मिसाइलें, एरियल ड्रोन |
| कुल टारगेट | 9 (3 प्रांतों में) |
| दुश्मन का जवाब | पाकिस्तान एयरफोर्स ने 4 F-16 तैनात किए, लेकिन बेअसर |
भारत सरकार की प्रतिक्रिया
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा,
"यह ऑपरेशन केवल आत्मरक्षा के तहत किया गया है। पाकिस्तान की जमीन का इस्तेमाल भारत में आतंकी हमलों के लिए हो रहा था। हमने सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया है, केवल आतंकवादी संरचनाएं खत्म की हैं।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा,
"यह न्यू इंडिया है – हम भूलते नहीं और बर्दाश्त नहीं करते।"
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान ने शुरुआत में इस स्ट्राइक से इनकार किया। लेकिन बाद में ISPR (Inter-Services Public Relations) ने यह माना कि कुछ "नॉन-मिलिट्री एरियाज" में नुकसान हुआ है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स में बहावलपुर और मुजफ्फराबाद में बड़े नुकसान की पुष्टि हुई है।
विशेषज्ञों की राय
1. अजय शुक्ला (रक्षा विशेषज्ञ)
"ऑपरेशन सिंदूर, बालाकोट स्ट्राइक से कहीं बड़ा और सटीक मिशन है। इससे भारत की सैन्य क्षमता का स्पष्ट संदेश गया है।"
2. लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा (सेवानिवृत्त)
"यह ऑपरेशन भारत की इंटेलिजेंस और वायुसेना की बेहतरीन कोऑर्डिनेशन का उदाहरण है। इससे पाकिस्तान की आतंकवादी लॉजिस्टिक्स सप्लाई को बड़ा झटका लगा है।"
आगे की संभावनाएं
- सीमा पर सतर्कता बढ़ी – भारतीय सेना ने LOC पर अतिरिक्त बटालियन तैनात की
- कूटनीतिक दबाव – अमेरिका, फ्रांस और रूस ने भारत के रुख का समर्थन किया
- आतंकी संगठनों पर असर – जैश और लश्कर की ऑपरेशनल क्षमताओं पर बड़ा आघात
- संभावित जवाबी कार्रवाई – पाकिस्तान द्वारा सीमित प्रतिरोध की आशंका
ऑपरेशन सिंदूर न केवल भारत की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन है, बल्कि यह आतंक के खिलाफ स्पष्ट नीति का प्रतीक भी है। इसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को और मजबूत किया है कि भारत अपने नागरिकों और जमीन की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। अब यह देखना होगा कि पाकिस्तान की अगली चाल क्या होगी और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस घटनाक्रम को कैसे देखेगा।
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