भूलकर भी मत खाना ये 7 बेहद कॉमन दवाएं, जो किडनी को कर देती हैं डैमेज

किडनी:- किडनी यानी गुर्दा, हमारे शरीर का एक ऐसा महत्वपूर्ण अंग है, जिसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। यह न सिर्फ खून को फिल्टर करती है, बल्कि शरीर से विषैले तत्व और एक्स्ट्रा फ्लूड निकालकर हमें बीमार होने से बचाती है। लेकिन आज के दौर में, जब हर छोटी-मोटी तकलीफ के लिए लोग खुद ही दवा लेने लगते हैं, तब सबसे ज्यादा खतरा हमारी किडनी पर ही मंडराता है।
"7 आम दवाएं जो किडनी डैमेज कर सकती हैं"
शायद आपको यह जानकर हैरानी होगी कि रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली कई सामान्य दवाएं हमारी किडनी को धीरे-धीरे डैमेज करती हैं और हमें इसका पता तब चलता है, जब बहुत देर हो चुकी होती है। इस लेख में हम जानेंगे ऐसी ही 7 बेहद कॉमन दवाओं के बारे में, जिन्हें भूलकर भी ज्यादा दिनों तक या बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेना चाहिए।

1. पेनकिलर (NSAIDs) – सिरदर्द से लेकर मसल्स पेन तक की सामान्य दवाएं किडनी की दुश्मन!

सिर में हल्का दर्द हो या मांसपेशियों में खिंचाव, लोग बिना सोचे-समझे पेनकिलर खा लेते हैं। खासकर NSAIDs यानी Non-Steroidal Anti-Inflammatory Drugs जैसे ब्रूफेन, डाइक्लोफेनाक, नेप्रोक्सेन, और एसेक्लोफेनाक सबसे ज़्यादा इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं में से हैं। 
ये दवाएं दर्द और सूजन को कम करती हैं, लेकिन अगर आप इन्हें नियमित रूप से लेते हैं या एक बार में ही हाई डोज़ ले लेते हैं, तो इससे किडनी में ब्लड फ्लो कम हो सकता है, जिससे धीरे-धीरे किडनी डैमेज या फेल्योर का खतरा बढ़ जाता है।

खतरा किसे ज्यादा?
बुजुर्ग, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या पहले से किडनी से जुड़ी कोई समस्या होने पर इन दवाओं से ज्यादा खतरा होता है।

2. ज़ोलेड्रोनिक एसिड (Reclast) – हड्डियों के इलाज में असरदार लेकिन किडनी के लिए खतरनाक

ऑस्टियोपोरोसिस और कुछ खास तरह के कैंसर में हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए ज़ोलेड्रोनिक एसिड दिया जाता है। यह दवा हड्डियों के नुकसान को कम करती है, लेकिन Reclast जैसी मेडिकेशन किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। खासकर अगर मरीज को पहले से कोई किडनी से जुड़ी बीमारी हो, तो डॉक्टर इस दवा को देने से परहेज करते हैं।
सावधानी जरूरी:
Reclast लेने से पहले हमेशा किडनी फंक्शन टेस्ट कराना चाहिए, ताकि कोई रिस्क न हो।

3. ओरल सोडियम फॉस्फेट (Colonoscopy से पहले वाला लैक्सेटिव)

कई बार पेट की जांच यानी कोलनोस्कॉपी से पहले आंतों को साफ करने के लिए ओरल सोडियम फॉस्फेट दिया जाता है। यह एक प्रकार का लैक्सेटिव है जो शरीर से फॉस्फेट क्रिस्टल बनाता है। लेकिन ज्यादा मात्रा में इसका सेवन किडनी के अंदर ये क्रिस्टल जमा कर देता है, जिससे Acute Phosphate Nephropathy नाम की बीमारी हो सकती है।

कौन रहें सावधान?
जो लोग पहले से डिहाइड्रेटेड हों, हाई ब्लड प्रेशर, या किडनी की बीमारी से जूझ रहे हों, उन्हें इसका सेवन बेहद सावधानी से करना चाहिए।

4. ACE इनहिबिटर्स (Lisinopril, Enalapril, Ramipril) – दिल बचाएं लेकिन किडनी से समझौता?

ACE Inhibitors यानी Angiotensin-Converting Enzyme Inhibitors, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज के इलाज में वरदान माने जाते हैं। लेकिन लिसिनोप्रिल, एनालाप्रिल, और रामिप्रिल जैसी दवाएं शरीर में किडनी के जरिए प्रोसेस होती हैं। ज्यादा मात्रा या बिना डॉक्टर की निगरानी में इन्हें लेना Serum Creatinine बढ़ा सकता है, जिससे किडनी पर दबाव पड़ता है।

 सही तरीका:
इन दवाओं का उपयोग डॉक्टर की निगरानी में करें और नियमित रूप से किडनी फंक्शन टेस्ट कराते रहें।

5. कुछ एंटीबायोटिक्स और एंटीवायरल्स – जरूरत से ज्यादा असर, सीधे किडनी पर हमला!

कई एंटीबायोटिक्स जैसे गेंटामाइसिन, एमिकासिन, वैनकोमाइसिन, और कुछ एंटीवायरल्स जैसे एसीक्लोविर आदि किडनी के लिए जहरीली साबित हो सकती हैं। ये दवाएं शरीर में क्रिस्टल बना सकती हैं, जो यूरीन के रास्ते को ब्लॉक कर देती हैं, और किडनी सेल्स को डैमेज करती हैं।

 कब होती है समस्या?
अगर इन दवाओं की डोज़ ज्यादा है, समय लंबा है या पहले से किडनी कमजोर है, तब नुकसान अधिक होता है।

6. प्रोटॉन पंप इन्हीबिटर्स (PPI) – ओमेप्राजोल और नेक्सियम, जो एसिड कम करते हैं पर किडनी बिगाड़ सकते हैं

आजकल पेट में गैस, एसिडिटी और हार्टबर्न आम समस्या बन गई है, और इसका इलाज है PPI दवाएं – जैसे ओमेप्राजोल (Prilosec) और एसोमेप्राजोल (Nexium)। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दवाओं का लंबे समय तक सेवन Chronic Kidney Disease का खतरा बढ़ा सकता है?

अध्ययन बताते हैं:
जो लोग महीनों तक लगातार PPI लेते हैं, उनमें किडनी से जुड़ी समस्याएं ज्यादा देखी गई हैं। इसलिए इन्हें जरूरत होने पर ही लें।

7. ड्यूरेटिक्स (Diuretics) – शरीर से पानी निकालती हैं, पर किडनी को कर देती हैं कमजोर

ड्यूरेटिक्स यानी पेशाब लाने वाली दवाएं, हाई ब्लड प्रेशर और एडिमा (शरीर में सूजन) के इलाज में दी जाती हैं। लेकिन जब इनका सही तरीके से उपयोग नहीं किया जाए, तब ये शरीर से बहुत ज्यादा पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स निकाल देती हैं, जिससे Dehydration और Hypotension की समस्या होती है और किडनी पर सीधा असर पड़ता है।

ध्यान रखें:
Diuretics का उपयोग करते समय पर्याप्त पानी पीना और इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बनाए रखना बेहद जरूरी है।

तो क्या करें? किडनी बचानी है तो इन बातों का रखें ध्यान

  • कभी भी खुद से OTC दवाएं ना लें – खासकर दर्द, बुखार, गैस और एंटीबायोटिक्स।
  • डॉक्टर की सलाह के बिना दवा का कोर्स पूरा ना करें।
  • किडनी फंक्शन टेस्ट (KFT) समय-समय पर कराते रहें, खासकर अगर आप कोई लंबी दवा ले रहे हैं।
  • पानी खूब पिएं, जिससे शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकलते रहें।
  • डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और हार्ट पेशेंट्स को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।

दवा जिंदगी बचाती है, लेकिन सही तरीके से

कई बार हम सोचते हैं कि अगर दर्द है, तो पेनकिलर ले लूं। गैस हो रही है, तो ओमेप्राजोल खा लूं। लेकिन हर बार दवा लेना सही नहीं होता। यह आदत धीरे-धीरे हमारे शरीर के सबसे जरूरी अंग यानी किडनी को नुकसान पहुंचाती है। इसलिए समझदारी इसी में है कि दवा तभी लें जब जरूरत हो, और वो भी डॉक्टर की सलाह से। याद रखें – दवा तभी तक वरदान है, जब तक आप उसे सही तरीके से लेते हैं।

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