इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 का यह सीजन हर रोज़ नए रिकॉर्ड्स और नई कहानियों से भर रहा है। लेकिन इस बार क्रिकेट प्रेमियों के बीच सिर्फ बल्ले और गेंद की चर्चा नहीं हो रही, बल्कि एक बयान ने क्रिकेट जगत में बहस छेड़ दी है।
गुजरात टाइटन्स के कप्तान शुभमन गिल के एक बयान ने 14 वर्षीय युवा खिलाड़ी वैभव सूर्यवंशी के ऐतिहासिक प्रदर्शन की चमक को थोड़ा धुंधला करने की कोशिश की, ऐसा कई पूर्व खिलाड़ियों और फैंस का मानना है।
वैभव सूर्यवंशी: 14 साल की उम्र में इतिहास रचने वाला बल्लेबाज
14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी का नाम अब हर क्रिकेट प्रेमी की जुबां पर है। राजस्थान रॉयल्स की ओर से खेलते हुए सवाई मानसिंह स्टेडियम, जयपुर में उन्होंने गुजरात टाइटन्स के खिलाफ महज 35 गेंदों पर शतक जड़कर आईपीएल इतिहास का सबसे तेज भारतीय शतक बनाने का कारनामा कर दिखाया। इससे पहले यह रिकॉर्ड यूसुफ पठान के नाम था, जिन्होंने 37 गेंदों पर शतक ठोका था। इसे भी जरूर पढ़ें:- IPL 2025 में 14 साल के वैभव सूर्यवंशी का धमाल: शतक के बदले राजस्थान रॉयल्स के मालिक ने गिफ्ट की करोड़ों की Mercedes-Benz
वैभव सूर्यवंशी का रिकॉर्ड:
- उम्र: 14 वर्ष 32 दिन
- शतक: 35 गेंदों में 100 रन
- सबसे कम उम्र में आईपीएल शतक
- भारतीय द्वारा सबसे तेज आईपीएल शतक
- आईपीएल का दूसरा सबसे तेज शतक (क्रिस गेल के 30 गेंद वाले शतक के बाद)
इस पारी में वैभव ने चौकों-छक्कों की बौछार कर दी और दुनिया को बता दिया कि उम्र केवल एक संख्या है। उन्होंने मनीष पांडे (19 वर्ष 253 दिन), ऋषभ पंत (20 वर्ष 218 दिन) और देवदत्त पडिक्कल (20 वर्ष 289 दिन) जैसे युवा रिकॉर्डधारकों को पीछे छोड़ दिया।
शुभमन गिल का विवादित बयान क्या था?
मैच के बाद जब गुजरात टाइटन्स के कप्तान शुभमन गिल से वैभव सूर्यवंशी की विस्फोटक पारी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा,
"यह युवाओं का दिन था, उन्होंने वही किया जो वह करना चाहते थे। उन्हें वह करने में मदद मिली जो उन्होंने किया।"
इस बयान में कहीं भी सूर्यवंशी की स्पष्ट प्रशंसा नहीं की गई। गिल ने सीधे तौर पर यह नहीं कहा कि यह सिर्फ किस्मत थी, लेकिन उनके लहज़े से ऐसा प्रतीत हुआ कि सूर्यवंशी की पारी को सिर्फ 'अच्छा दिन' करार दे दिया गया।
अजय जडेजा का पलटवार: 'यह सिर्फ किस्मत नहीं थी'
पूर्व भारतीय क्रिकेटर अजय जडेजा इस बयान से नाखुश दिखे। उन्होंने जियोस्टार से बातचीत में कहा:
"एक 14 वर्षीय बच्चे को खुद पर विश्वास था। उसे आगे बढ़कर बेहतरीन प्रदर्शन दिया। भले ही कोई कहे कि यह उसका भाग्यशाली दिन था, लेकिन असल में यह काबिलियत और आत्मविश्वास का परिणाम था।"
अजय जडेजा का मानना है कि वैभव सूर्यवंशी की पारी को किस्मत से जोड़ना उसके संघर्ष और मेहनत का अपमान है। एक बच्चे का इतने बड़े मंच पर खुद पर विश्वास रखना और रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन करना केवल भाग्य नहीं हो सकता।
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क्या वाकई शुभमन गिल ने गलत कहा?
यह सवाल अब क्रिकेट विशेषज्ञों और फैंस के बीच बहस का विषय बना हुआ है। कई लोगों का मानना है कि गिल का बयान सामान्य था और इसे ज्यादा तूल नहीं देना चाहिए। वहीं दूसरी ओर, कुछ लोगों का कहना है कि कप्तान होने के नाते गिल को वैभव सूर्यवंशी के प्रदर्शन की खुलकर तारीफ करनी चाहिए थी।
वैभव सूर्यवंशी का सफर: कहां से आया यह क्रिकेट का नायक?
वैभव सूर्यवंशी राजस्थान के नागौर जिले के छोटे से गांव कुचामन सिटी से आते हैं। महज 5 साल की उम्र में उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया और अपनी गली में टेनिस बॉल से बड़े-बड़ों को छक्के मारते हुए सबका ध्यान खींचा। उनके कोच अजय चौधरी ने बताया कि वैभव हर दिन सुबह 4 बजे उठकर प्रैक्टिस करते थे। यही अनुशासन आज उन्हें इस मुकाम पर ले आया है।
क्रिकेट में युवाओं का दबदबा: एक नई क्रांति
आईपीएल ने भारतीय क्रिकेट को कई युवा सितारे दिए हैं। शुभमन गिल, ऋषभ पंत, पृथ्वी शॉ, देवदत्त पडिक्कल जैसे खिलाड़ी इसी लीग के बदौलत चमके हैं। अब वैभव सूर्यवंशी ने भी यह साबित कर दिया है कि अगर प्रतिभा हो तो उम्र कोई मायने नहीं रखती।
किस्मत या काबिलियत?
शुभमन गिल का बयान चाहे जैसा भी रहा हो, एक बात तो साफ है—वैभव सूर्यवंशी का शतक भारतीय क्रिकेट इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा। यह सिर्फ एक अच्छा दिन नहीं था, बल्कि एक युवा खिलाड़ी की मेहनत, आत्मविश्वास और स्किल का नतीजा था। क्रिकेट प्रेमियों को चाहिए कि वे इस नन्हे सितारे की हौसला अफजाई करें और शुभमन गिल जैसे वरिष्ठ खिलाड़ियों को भी खुले दिल से नई प्रतिभा की तारीफ करनी चाहिए।

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