Operation Sindoor Live Updates: भारतीय सेना का जबरदस्त जवाब, पाकिस्‍तान के JF-17 फाइटर जेट को मार गिराया, जनरल आसिम मुनीर की घबराहट बढ़ी

 Operation Sindoor : 8 मई 2025 की सुबह भारतीय उपमहाद्वीप के लिए ऐतिहासिक बन गई, जब भारत ने पाकिस्तान के दुस्साहसी हमले का ऐसा करारा जवाब दिया कि न केवल उसके सैन्य तंत्र की धज्जियां उड़ गईं, 

भारतीय सेना ने पाकिस्तानी JF-17 जेट गिराया

बल्कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर का वर्षों से पाल रखा घमंड भी चकनाचूर हो गया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक इस सैन्य कार्रवाई में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान का अत्याधुनिक माना जाने वाला JF-17 फाइटर जेट ध्वस्त कर दिया। इस घटना ने दोनों देशों के बीच तनाव की आग को और भड़काया है, लेकिन भारत ने साफ कर दिया है— "हम शांति चाहते हैं, कमजोरी नहीं दिखाएंगे।"

पाकिस्तान की नापाक साजिश: क्यों शुरू हुआ हमला?

सबसे पहले आपको यह समझना जरूरी है कि पाकिस्तान ने अचानक इस तरह का दुस्साहस क्यों किया? इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स के अनुसार, हाल ही में भारत की जम्मू-कश्मीर नीति और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को लेकर दिए गए सख्त बयानों से पाकिस्तानी नेतृत्व में हड़कंप मचा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "PoK भी हमारा है" वाले बयान के बाद पाकिस्तान की सेना और आईएसआई ने यह रणनीति बनाई कि भारत की सीमाओं पर सीमित सैन्य कार्रवाई कर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत को दबाव में लाया जाए।

7 मई की रात पाकिस्तान के मिरपुर सेक्टर से करीब 3 JF-17 थंडर फाइटर जेट्स ने भारतीय सीमा की ओर उड़ान भरी। उनका मकसद था भारत के अग्रिम सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ जैसा आभास देना। लेकिन पाकिस्तान यह भूल गया कि आज का भारत 2016 या 1999 का भारत नहीं है।

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ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत: भारत का पलटवार

भारतीय वायुसेना की एयर डिफेंस यूनिट पहले से सतर्क थी। रडार पर पाकिस्तान के JF-17 की गतिविधि को पकड़ते ही ऑपरेशन सिंदूर को सक्रिय कर दिया गया।

भारतीय वायुसेना की Sukhoi Su-30 MKI और Rafale स्क्वाड्रन तुरंत अलर्ट मोड में आ गई। एयरबेस से उड़ान भरते ही हमारे पायलटों ने महज 12 मिनट के भीतर पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को इंटरसेप्ट कर लिया। इसके बाद वह दृश्य सामने आया, जो वर्षों तक सैन्य रणनीति की किताबों में पढ़ाया जाएगा।

JF-17 बनाम Rafale: किसकी ताकत भारी पड़ी?

पाकिस्तान के JF-17 थंडर फाइटर जेट को चीन और पाकिस्तान ने मिलकर तैयार किया है और इसे चौथी पीढ़ी का मल्टीरोल फाइटर माना जाता है। लेकिन भारतीय वायुसेना का Rafale फाइटर जेट तकनीक, रडार एविएशन और हथियार प्रणालियों में कहीं अधिक आधुनिक है।

जैसे ही भारतीय Rafale ने पाकिस्तानी JF-17 पर लॉक किया, पायलट ने Meteor मिसाइल फायर की, जो 150 किलोमीटर तक हवा में लक्ष्य को भेद सकती है। कुछ ही सेकंड में पाकिस्तान का JF-17 आसमान में जलकर राख हो गया। उसके दोनों पायलट पैराशूट से कूदने की कोशिश में भारतीय सीमा में ही गिर गए और उन्हें तुरंत हिरासत में ले लिया गया।

जनरल आसिम मुनीर की बौखलाहट: ISPR का झूठा बयान

घटना के महज 30 मिनट बाद पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग ISPR ने बयान जारी कर यह दावा किया कि उनका कोई फाइटर जेट नहीं गिरा है। लेकिन भारतीय सेना ने गिराए गए JF-17 के मलबे की तस्वीरें और पाकिस्तानी पायलटों की गिरफ्तारी का वीडियो जारी कर दिया। इससे पाकिस्तान की पोल पूरी दुनिया के सामने खुल गई।

आसिम मुनीर की स्थिति अब और भी असहज हो गई है क्योंकि पाकिस्तान की जनता और विपक्ष दोनों उनसे जवाब मांग रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: भारत के पक्ष में माहौल

इस घटना के बाद संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, फ्रांस और रूस जैसे देशों ने पाकिस्तान से संयम बरतने को कहा है, जबकि भारत की जवाबी कार्रवाई को ‘आत्मरक्षा में किया गया कदम’ करार दिया गया है। अमेरिका के विदेश मंत्री ने भारत की खुफिया और रक्षात्मक क्षमता की तारीफ करते हुए कहा—

"भारत ने परिपक्व लोकतंत्र की तरह अपनी सीमाओं की रक्षा की है।"

यह पहली बार है जब कूटनीतिक स्तर पर भी पाकिस्तान अलग-थलग पड़ा नजर आ रहा है।

ऑपरेशन सिंदूर क्यों ऐतिहासिक है? (5 बड़ी वजहें)

1. तेज प्रतिक्रिया समय — महज 12 मिनट में भारतीय वायुसेना की तैनाती।

2. आधुनिक हथियारों का प्रभावी इस्तेमाल — Meteor मिसाइल से JF-17 को मार गिराना।

3. इंटेलिजेंस नेटवर्क की सफलता — पहले से पाकिस्तानी गतिविधियों की जानकारी।

4. कूटनीतिक बढ़त — अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्वीकार्यता।

5. आसिम मुनीर का कमजोर नेतृत्व उजागर — पाकिस्तान की सेना और सरकार में बढ़ी दरार।

क्या पाकिस्तान और बड़ी कार्रवाई कर सकता है?

विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल पाकिस्तान किसी बड़े युद्ध का जोखिम नहीं लेगा। आर्थिक संकट, भीतरी राजनीतिक अस्थिरता और अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते पाकिस्तान की सेना पर भी संयम बरतने का दबाव है। हालांकि सीमित संघर्ष या आतंकवादी घुसपैठ की कोशिशें जारी रह सकती हैं।

भारत की अगली रणनीति क्या है?

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार भारत ने ‘Operation Sindoor Phase-2’ की तैयारी भी कर रखी है, जिसमें जरूरत पड़ने पर सीमावर्ती पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर लक्षित हमले किए जा सकते हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने सेना को निर्देश दिए हैं कि सीमा पर ‘No Tolerance Zone’ लागू कर दिया जाए, जिसमें घुसपैठ की किसी भी कोशिश का तुरंत जवाब दिया जाए।

पाकिस्तान की जनता में नाराजगी और विरोध

इस घटना का असर सिर्फ सैन्य मोर्चे तक सीमित नहीं रहा। पाकिस्तान के कराची, लाहौर और इस्लामाबाद जैसे शहरों में लोग सड़कों पर उतर आए और नारे लगाए— "हमारे जवानों को मरवाने वाली सेना मुर्दाबाद।"

विपक्ष के नेता बिलावल भुट्टो और मरियम नवाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा—

"आसिम मुनीर की नाकामी ने देश को तबाह कर दिया है। उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।"

अंदरूनी स्तर पर पाकिस्तान की राजनीति में उथल-पुथल बढ़ना तय है।

भारत का संदेश स्पष्ट: शांति चाहिए, पर आत्मरक्षा में कोई समझौता नहीं

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा—

"हम शांति के पक्षधर हैं, लेकिन हमारे देश की एक इंच जमीन की रक्षा के लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हैं।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्विटर पर लिखा—

"वीर सैनिकों को नमन, जिन्होंने देश की सीमाओं की रक्षा की। भारत की संप्रभुता सर्वोपरि है। जय हिंद।"

ऑपरेशन सिंदूर न केवल भारतीय सैन्य कौशल की शक्ति का प्रमाण है बल्कि यह बताता है कि भारत अब केवल सहने वाला देश नहीं रहा, बल्कि जरूरत पड़ने पर निर्णायक और सटीक वार करने की क्षमता भी रखता है। पाकिस्तान को यह बात अब भलीभांति समझ आ गई है कि सीमा पार किसी भी नापाक हरकत की कीमत उसे बहुत भारी चुकानी पड़ेगी।

यह घटना आने वाले वर्षों तक भारत-पाक संबंधों, दक्षिण एशियाई भू-राज

नीति और वैश्विक सुरक्षा समीकरणों में चर्चा का विषय बनी रहेगी।

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