Donald trump new tariff plan: भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों की जटिलता अक्सर नई हलचलों को जन्म देती है।
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| "ट्रंप का फरमान — बॉलीवुड पर संकट?" |
मगर इस बार मामला थोड़ा अलग है — इस बार निशाने पर है भारतीय फिल्म इंडस्ट्री। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक ऐसा नया टैरिफ और नीति का ऐलान किया है, जिसने बॉलीवुड से जुड़े कई फिल्मकारों और व्यापारियों की नींद उड़ा दी है।
आइए समझते हैं कि आखिर ट्रंप के इस नए फरमान का क्या असर पड़ सकता है भारतीय सिनेमा पर? साथ ही, क्यों विवेक अग्निहोत्री जैसे फिल्म निर्देशक ने भारतीय नेताओं को “जागने” की सलाह दी है? इसे भी जरूर पढ़ें:- भारत-पाकिस्तान युद्ध 2025: मुस्लिम देशों का बदला रुख | सऊदी, ईरान, यूएई की भारत को कूटनीतिक बढ़त
ट्रंप का नया फरमान — भारतीय फिल्मों पर महंगी कीमतें
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने नए बयान में कहा कि वह भारतीय, चीनी और विदेशी फिल्मों पर अमेरिका में भारी-भरकम टैरिफ (शुल्क) लगाने जा रहे हैं। उनका तर्क है कि विदेशी फिल्में अमेरिका की फिल्म इंडस्ट्री के लिए "खतरा" बन चुकी हैं। ट्रंप ने साफ कहा:
> “अमेरिका की फिल्म इंडस्ट्री पहले ही दम तोड़ रही है। अगर हमने विदेशी फिल्मों को रोका नहीं, तो हमारे फिल्म निर्माता पूरी तरह खत्म हो जाएंगे।”
इस फरमान के अनुसार—
- भारत से जो भी फिल्म अमेरिका में रिलीज होगी, उस पर 25% से लेकर 40% तक का आयात शुल्क लगेगा।
- भारतीय फिल्मकारों को अमेरिका में फिल्म दिखाने के लिए ज्यादा टैक्स और परमिट फीस चुकानी होगी।
- फिल्म फेस्टिवल, फिल्म शूटिंग और फिल्म डिस्ट्रीब्यूशन में कड़े नियम लागू होंगे।
क्या भारत के लिए यह झटका है?
अमेरिका में भारतीय सिनेमा की एक बड़ी दर्शक संख्या है, खासकर एनआरआई और प्रवासी भारतीयों के बीच। हर साल बॉलीवुड की करीब 25-30 बड़ी फिल्में अमेरिका के सिनेमाघरों में रिलीज होती हैं।
यदि ट्रंप का फरमान लागू होता है:
- भारतीय निर्माताओं को अमेरिका में फिल्म रिलीज करना आर्थिक रूप से मुश्किल हो जाएगा।
- अमेरिका में भारतीय फिल्मों की टिकट महंगी हो सकती है, जिससे दर्शक घटेंगे।
- भारतीय सिनेमा का अमेरिका में कारोबार 30% तक गिर सकता है।
विवेक अग्निहोत्री का बयान — “भारतीय फिल्म नेताओं को जागना होगा”
'द कश्मीर फाइल्स' और 'द वैक्सीन वॉर' जैसी चर्चित फिल्मों के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा—
> “अमेरिका में जो हो रहा है, वह सिर्फ हॉलीवुड के लिए नहीं, बल्कि बॉलीवुड के लिए भी खतरे की घंटी है। हमारे नेताओं और फिल्म संगठनों को अभी से रणनीति बनानी होगी। अगर हम जागे नहीं, तो आने वाले समय में हमारी फिल्मों का अंतरराष्ट्रीय कारोबार बर्बाद हो जाएगा।”
विवेक अग्निहोत्री की मुख्य बातें:
- भारत सरकार को अमेरिका के साथ बातचीत कर भारतीय फिल्मों के लिए छूट (Exemption) की मांग करनी चाहिए।
- भारतीय फिल्म निर्माता संघ (Producers Guild), भारतीय फिल्म निर्यात परिषद जैसी संस्थाओं को अमेरिका की नीति पर दबाव बनाना चाहिए।
- भारत को अपनी फिल्म वितरण प्रणाली को मजबूत करना चाहिए ताकि अमेरिका पर निर्भरता कम हो।
भारतीय दर्शकों के लिए क्या बदल जाएगा?
1. एनआरआई भारतीयों के लिए मुश्किल
अमेरिका में बसे भारतीयों को बॉलीवुड फिल्में देखने के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी। इससे भारतीय फिल्में कमाई के मामले में पिछड़ सकती हैं।
2. ओटीटी प्लेटफॉर्म का रुख
हो सकता है कि भारतीय फिल्म निर्माता अब सीधे Netflix, Amazon Prime, Zee5 जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर फिल्में रिलीज करें। इससे सिनेमाघर की रिलीज कम हो सकती है।
3. फिल्मों की कहानी और टारगेट बदलेगा
अगर अमेरिका जैसे देशों में रिलीज कम होगी, तो निर्माता भारतीय दर्शकों को ज्यादा ध्यान में रखकर फिल्में बनाएंगे। इससे कहानियों की दिशा भी बदल सकती है।
अमेरिका की फिल्म इंडस्ट्री खत्म हो रही है? — ट्रंप का बड़ा दावा
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में यह भी कहा कि अमेरिका की अपनी फिल्म इंडस्ट्री (Hollywood) अब कमजोर हो चुकी है। उन्होंने कहा—
> “Netflix और विदेशी कंटेंट की बाढ़ के कारण हॉलीवुड की पारंपरिक फिल्में और थिएटर कल्चर खत्म हो रहा है। लोग विदेशी फिल्मों की ओर भाग रहे हैं। हमें इसे रोकना होगा।”
ट्रंप के मुताबिक:
- हॉलीवुड के छोटे प्रोड्यूसर आर्थिक संकट में हैं।
- विदेशी फिल्मों ने अमेरिकी मार्केट में कब्जा जमा लिया है।
- अगर यह नहीं रुका, तो हॉलीवुड इतिहास बन जाएगा।
क्या ट्रंप का यह फैसला सही है?
विशेषज्ञों की राय बंटी हुई है:
- कुछ कहते हैं कि यह अमेरिका की अपनी फिल्म इंडस्ट्री को बचाने की "संरक्षणवादी" (protectionist) नीति है।
- कुछ मानते हैं कि यह वैश्विक फिल्म कारोबार के लिए नुकसानदायक है और अमेरिका की "मुक्त व्यापार नीति" के खिलाफ है।
- भारतीय फिल्म जानकारों का मानना है कि इससे दोनों देशों के सांस्कृतिक रिश्तों पर भी असर पड़ सकता है।
क्या भारतीय सिनेमा तैयार है इस बदलाव के लिए?
डोनाल्ड ट्रंप का नया फरमान भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक चेतावनी है। अगर भारतीय फिल्म नेता और सरकार अभी से सक्रिय नहीं हुए, तो हम एक बड़े अंतरराष्ट्रीय बाजार को खो सकते हैं।
विवेक अग्निहोत्री जैसे फिल्मकारों की चिंता सही है — अब वक्त आ गया है कि हम अपनी नीतियों को मजबूत करें, डिजिटल वितरण को बढ़ावा दें और वैश्विक मंचों पर भारतीय सिनेमा की स्थिति को मजबूत करें।

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