पहलगाम आतंकी हमला 2025
22 अप्रैल 2025 की दोपहर, जब पूरा भारत अपने-अपने काम में व्यस्त था और जम्मू-कश्मीर की हसीन वादियां पर्यटकों की चहल-पहल से गूंज रही थीं, तब एक दिल दहला देने वाला मंजर सामने आया।
स्विट्जरलैंड जैसी खूबसूरत बैसरन वैली की सफेद बर्फ पर खून के छींटे बिखर गए। आतंकियों की गोलियों से 26 निर्दोष जिंदगियां बुझा दी गईं। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। अब हर तरफ बस यही सवाल उठ रहा है – कब मारा, क्यों मारा और किसने मारा?इस लेख में हम पहलगाम आतंकी हमले से जुड़े 10 सबसे बड़े सवालों के जवाब आपको देंगे, जिससे आप पूरी घटना को गहराई से समझ सकें। इसे भी जरूर पढ़ें:- प्रयागराज की बेटी शक्ति दुबे बनी UPSC 2024 की टॉपर – जानिए उनके संघर्ष और सफलता की पूरी कहानी
1. हमला कहां और कैसे हुआ?
घटना स्थल था – जम्मू-कश्मीर का अनंतनाग जिला, जहां बसी है बैसरन वैली। यह इलाका टूरिज्म के लिए जाना जाता है और अब तक शांतिपूर्ण माना जाता था। 22 अप्रैल को दोपहर के वक्त आतंकी पुलिस की वर्दी में वहां पहुंचे और भ्रम का लाभ उठाते हुए अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। 10 मिनट के भीतर 26 लोगों को मौत की नींद सुला दिया गया।
2. आतंकी बैसरन वैली तक कैसे पहुंचे?
हमले की जांच में सामने आया है कि आतंकियों ने पाकिस्तान के रावलकोट से इस हमले की साजिश रची थी। वे पीर पंजाल की पहाड़ियों के रास्ते भारत में घुसे, फिर राजौरी, चत्रु और वधावन होते हुए पहलगाम पहुंचे। यह बेहद सुनियोजित ऑपरेशन था, जिसमें सीमा पार से मदद मिली।
3. पर्यटकों से बातचीत क्यों की गई?
हमले से पहले आतंकियों ने पर्यटकों से बातचीत की थी ताकि वे निश्चिंत रहें। उन्होंने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी और एक शख्स से नाम पूछकर गोली मार दी। इस तरह का व्यवहार यह दिखाता है कि हमले का मकसद डर फैलाना और भ्रम पैदा करना था।
4. आतंकियों ने किस हथियार का इस्तेमाल किया?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार और वायरल वीडियो में यह सामने आया कि हमले में AK-47 राइफल का इस्तेमाल किया गया। यह दुनिया की सबसे कुख्यात और आसानी से उपलब्ध हथियारों में से एक है। यह बताता है कि आतंकियों को न सिर्फ ट्रेंड किया गया था, बल्कि उन्हें आधुनिक हथियार भी मुहैया कराए गए थे।
5. किस आतंकी संगठन ने ली जिम्मेदारी?
इस हमले की जिम्मेदारी ली है – द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने, जो लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी संगठन है। TRF ने दावा किया है कि उनके फॉल्कन स्क्वॉड ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है।
6. फॉल्कन स्क्वॉड क्या है?
फॉल्कन स्क्वॉड TRF का एक खतरनाक यूनिट है। ये स्क्वॉड कम समय में तेज गति से हमले करता है और फौरन गायब हो जाता है। इनकी ट्रेनिंग और रणनीति बेहद घातक होती है, और ये मुख्य रूप से नरसंहार और दहशत फैलाने के लिए बनाए गए हैं।
7. कितने लोग मारे गए?
इस हमले में कुल 26 लोगों की जान चली गई। इनमें 23 भारतीय पर्यटक, एक स्थानीय नागरिक, एक नेपाल और एक UAE का नागरिक शामिल हैं। लगभग 10 लोग घायल भी हुए हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
8. खुफिया एजेंसियों की चूक?
सुरक्षा एजेंसियों को हमले को लेकर इनपुट पहले ही मिल गए थे कि दक्षिण कश्मीर के किसी टूरिस्ट स्पॉट को निशाना बनाया जा सकता है। हालांकि, बैसरन घाटी को अब तक शांत क्षेत्र मानकर वहां कोई सुरक्षाबल तैनात नहीं थे, जो इस हमले का सबसे बड़ा कारण बना।
9. भारत का क्या एक्शन?
हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना सऊदी अरब दौरा बीच में छोड़ दिया। गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर जाकर घायलों से मुलाकात की और हालात का जायजा लिया। सेना, वायुसेना और नौसेना को अलर्ट कर दिया गया है। साथ ही आतंकियों के स्केच जारी कर दिए गए हैं और सर्च ऑपरेशन शुरू हो चुका है।
10. पाकिस्तान का क्या स्टैंड?
पाकिस्तान ने हमले से खुद को अलग बताया है और बयान जारी कर कहा है कि उनका इससे कोई संबंध नहीं है। लेकिन हमले के बाद पाकिस्तानी वायुसेना की असामान्य गतिविधियां फ्लाइट रडार पर दर्ज की गई हैं, जिससे संदेह और गहरा हो गया है।
कब तक मासूम मरते रहेंगे?
पहलगाम का यह हमला सिर्फ एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि हमारी सुरक्षा व्यवस्था की बड़ी चूक का संकेत है। अब जरूरत है कि हम टूरिस्ट डेस्टिनेशन को भी हाई रिस्क जोन मानें और वहां पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करें। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के खिलाफ ठोस सबूतों के साथ सख्त कदम उठाएं।
जम्मू-कश्मीर में शांति बनाए रखने के लिए अब सिर्फ बयानबाजी नहीं, एक्शन चाहिए। क्योंकि सवाल अब यह नहीं कि कब मारा, क्यों मारा और किसने मारा? सवाल अब यह है – अगला कौन होगा?
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