उसके वादे पर… पाकिस्तान की चाल पहले भी भांप गए थे शशि थरूर, सीजफायर पर दी ये सीख

भारत-पाक सीजफायर का ऐलान और ताजा तनाव

26 फरवरी 2021 को भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (LoC) पर सीजफायर का ऐतिहासिक ऐलान किया गया था। दोनों देशों ने संयुक्त रूप से यह सहमति जताई थी कि वे सभी मौजूदा समझौतों और द्विपक्षीय करारों का पालन करते हुए संघर्ष विराम का सम्मान करेंगे। इस फैसले को तब दक्षिण एशियाई शांति के लिए एक सकारात्मक संकेत माना गया था।
लेकिन इतिहास गवाह है कि पाकिस्तान ने हर बार वादों की अवहेलना कर अपनी पुरानी आदतें दोहराई हैं। ठीक ऐसा ही नजारा बीती रात भी देखने को मिला जब पाकिस्तान की सेना ने एक बार फिर सीमावर्ती पुंछ और राजौरी सेक्टरों में भारी गोलाबारी शुरू कर दी। भारतीय सेना ने इसका कड़ा जवाब देते हुए न केवल पाकिस्तान की चौकियों को ध्वस्त किया, बल्कि पाकिस्तानी रेंजर्स को भारी नुकसान भी पहुँचाया।

शशि थरूर का बड़ा बयान: पहले ही भांप ली थी पाकिस्तान की चाल

कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. शशि थरूर ने इस घटनाक्रम पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा पाकिस्तान की असल मंशा को पहचाना है और बार-बार सीजफायर उल्लंघन के अनुभवों से यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आने वाला।

थरूर ने कहा — “हमने पहले भी कहा था कि पाकिस्तान की नीति ‘बातचीत के मंच पर शांति और सीमा पर उकसावे’ की है। भारत को इस दोहरेपन का करारा जवाब देते रहना चाहिए ताकि पाकिस्तान को हर बार सबक मिले।”

उनके मुताबिक भारत को बातचीत के दरवाजे खुले रखते हुए भी सीमा पर हर हमले का जवाब कठोरता से देना चाहिए।

सीजफायर उल्लंघन: आंकड़ों में पाकिस्तान की हरकतें

वर्ष 2020 में पाकिस्तान ने लगभग 5,100 बार सीजफायर उल्लंघन किया था, जो पिछले दो दशकों में सबसे अधिक था। इसी तरह 2021 और 2022 में भी सैकड़ों बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया। 2023 और 2024 में यह संख्या भले ही थोड़ी घटी, लेकिन अब 2025 में एक बार फिर से पाकिस्तान की वही रणनीति सामने आई है।
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, पाकिस्तान का मकसद सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ को कवर फायर देना होता है। खासकर ग्रीष्मकाल में जब बर्फ पिघलती है, तब पाकिस्तान आतंकियों को कश्मीर में भेजने के लिए गोलाबारी तेज कर देता है।

थरूर की ‘तीन सूत्रीय नीति’ की सीख

शशि थरूर ने पाकिस्तान की हरकतों पर लगाम कसने के लिए भारत सरकार को तीन महत्वपूर्ण सुझाव दिए—

1. कूटनीतिक दबाव बनाए रखें
भारत को वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान की आतंक समर्थक नीतियों का पर्दाफाश करते रहना चाहिए। FATF (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) और संयुक्त राष्ट्र जैसे मंचों पर पाकिस्तान पर दबाव डालना जरूरी है।

2. सीमा पर कड़ा सैन्य प्रतिकार
थरूर के अनुसार, पाकिस्तान की हर गोलीबारी का जवाब उसी भाषा में देना जरूरी है ताकि पाकिस्तान को हर बार नुकसान उठाना पड़े। इससे उसके हौसले पस्त होंगे।

3. आंतरिक सुरक्षा मजबूत करें
जम्मू-कश्मीर और सीमावर्ती राज्यों में खुफिया तंत्र को और मजबूत करना चाहिए ताकि पाकिस्तान के नापाक मंसूबे नाकाम किए जा सकें।

पाकिस्तान के नापाक इरादों के पीछे की वजह

विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति और सैन्य प्रतिष्ठान के दबावों के चलते वह बार-बार सीमा पर तनाव बढ़ाता है।

आर्थिक संकट से ध्यान हटाना
पाकिस्तान इस वक्त गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। IMF से राहत पैकेज, बढ़ती महंगाई और राजनीतिक अस्थिरता से जनता का ध्यान भटकाने के लिए सीमावर्ती तनाव एक ‘पुराना हथकंडा’ है।

सेना की वर्चस्व की राजनीति
पाकिस्तान की सेना देश की विदेश नीति और कश्मीर नीति पर पूर्ण नियंत्रण रखती है। सेना अपनी सत्ता को मजबूत रखने के लिए ऐसे उकसावे करती है।

भारतीय सेना की तैयारी और सख्ती

भारतीय सेना के उत्तरी कमांड के अनुसार, पाकिस्तान की हर हरकत का सटीक और समयबद्ध जवाब दिया जा रहा है। LoC के पास आधुनिक तकनीक, ड्रोन निगरानी, Bofors तोपों और स्नाइपरों की तैनाती की गई है। साथ ही सीमा सुरक्षा बल (BSF) भी चौकस है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी स्पष्ट किया है कि “भारत की सेना पूरी तरह सतर्क है और देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाया जाएगा।”

अंतरराष्ट्रीय समुदाय का रुख

अमेरिका, फ्रांस और रूस जैसे प्रमुख देश लगातार पाकिस्तान से आतंकवाद पर लगाम लगाने की अपील कर चुके हैं। अमेरिका ने हाल ही में पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य सहायता पर रोक लगाने की चेतावनी भी दी थी। ऐसे में पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि पहले ही खराब है।

शशि थरूर ने इसी संदर्भ में कहा कि भारत को इन वैश्विक समर्थन का रणनीतिक लाभ उठाकर पाकिस्तान को घेरना चाहिए।

थरूर की सीख क्यों अहम है?

शशि थरूर जैसे अनुभवी राजनयिक की सलाह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में भी लंबी सेवा दी है और वैश्विक कूटनीति को बारीकी से समझते हैं।

उनका संदेश स्पष्ट है — “शांति के लिए हम तैयार हैं, लेकिन धोखे के लिए नहीं। पाकिस्तान को हर मोर्चे पर जवाब देना जरूरी है ताकि उसे अपनी हरकतों की भारी कीमत चुकानी पड़े।”

भारत सरकार को भी अब यही रणनीति अपनाकर पाकिस्तान की चालों को असफल करना चाहिए।

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