UP वालों जितना चलाना है एसी-कूलर, चला लो, 30 फीसदी बढ़ने वाला है रेट? ऐसे लगेगा UPPCL का 440 वोल्ट का झटका

उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को जल्द ही एक बड़ा झटका लग सकता है, क्योंकि उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने बिजली दरों में 20 से 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है।  इस प्रस्ताव के अनुसार, घरेलू उपभोक्ताओं के लिए प्रति यूनिट दरों में वृद्धि की जाएगी, जिससे आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। 

प्रस्तावित दरों में बदलाव

UPPCL ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में 25 प्रतिशत तक की वृद्धि का प्रस्ताव दिया है।  वर्तमान में, पहले 150 यूनिट की दर 4.90 रुपये प्रति यूनिट है, जिसे बढ़ाकर 6.20 रुपये प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव है।  इसी तरह, अन्य स्लैब्स में भी दरों में वृद्धि की जाएगी।  वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के लिए भी 10 से 15 प्रतिशत तक की वृद्धि का प्रस्ताव है। 

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ग्रामीण उपभोक्ताओं पर प्रभाव

ग्रामीण क्षेत्रों में भी बिजली दरों में वृद्धि का प्रस्ताव है।  मीटर्ड उपभोक्ताओं के लिए फिक्स्ड चार्ज 80 रुपये से बढ़ाकर 90 रुपये प्रति किलोवाट प्रति माह किया जाएगा।  विद्युत मूल्य 3 रुपये प्रति यूनिट से बढ़ाकर 3.35 रुपये प्रति यूनिट किया जाएगा।  100 यूनिट से ऊपर की खपत के लिए दरें 3.85 से 6 रुपये प्रति यूनिट तक तय की गई हैं।  

उपभोक्ता संगठनों का विरोध

बिजली दरों में प्रस्तावित वृद्धि के खिलाफ उपभोक्ता संगठन लामबंद हो गए हैं।  विद्युत उपभोक्ता परिषद, भारतीय किसान यूनियन समेत कई संगठनों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है।  ये संगठन सरकार और बिजली कंपनियों के खिलाफ जन आंदोलन की योजना बना रहे हैं।  

टाइम ऑफ डे (ToD) टैरिफ का प्रस्ताव

UPPCL ने टाइम ऑफ डे (ToD) टैरिफ लागू करने का प्रस्ताव भी दिया है, जिसके तहत दिन और रात की बिजली दरें अलग-अलग होंगी।  इस प्रस्ताव के अनुसार, रात के समय बिजली की दरें अधिक होंगी, जिससे उपभोक्ताओं का बिल बढ़ सकता है।  उपभोक्ता परिषद ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है और इसे लागू न करने की मांग की है। 

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ईंधन अधिभार (Fuel Surcharge)

UPPCL ने जनवरी माह के लिए 1.24 प्रतिशत का ईंधन अधिभार लगाया है, जो अप्रैल के बिजली बिल में जोड़ा जाएगा।  यह अधिभार लगभग 3.45 करोड़ उपभोक्ताओं को प्रभावित करेगा।  

UPPCL द्वारा प्रस्तावित बिजली दरों में वृद्धि से आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।  उपभोक्ता संगठनों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है और सरकार से राहत की मांग की है।  यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो उपभोक्ताओं को अपने बिजली उपयोग में सावधानी बरतनी होगी और ऊर्जा की बचत के उपाय अपनाने होंगे। 

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